Coronavirus से डरे नक्सली अब हो गए हैं 'क्वारंटाइन', चैन की सांस ले रही झारखंड पुलिस
By एस पी सिन्हा | Updated: March 27, 2020 20:10 IST2020-03-27T20:10:49+5:302020-03-27T20:10:49+5:30
अमूमन सरकार के किसी आदेश को नहीं मानने वाले और प्रशासन के विपरीत चलने वाले नक्सली इन दिनों कहां चले गए हैं? यह किसी को पता नहीं चल पा रहा है। कोरोना वायरस के खौफ से सभी नक्सली भूमिगत हो गए हैं। हालात ऐसे हो गए हैं कि नक्सलियों को खोजने में पुलिस ही अपनी ऊर्जा लगा रही है और न ही वे अपने सुरक्षित जोन से बाहर निकल रहे हैं।

कोरोना वायरस का खौफ नक्सलियों की गतिविधियों पर भी अब देखा जाने लगा है।
रांची: कोरोना वायरस (Coronavirus) का खौफ नक्सलियों की गतिविधियों पर भी अब देखा जाने लगा है। झारखंड में लगातार खौफ का वातावरण बनाने वाले नक्सली भी अब कोरोना के खौफ से बिल में घुस गए हैं। झारखंड के नक्सल प्रभावित इलाकों में दिन-रात धमाचौकड़ी मचाने वाले नक्सली 'क्वारंटाइन' हो गए हैं। कोरोना वायरस का खौफ उन पर इस कदर पसरा है कि नक्सली दिखाई ही नहीं दे रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार, अमूमन सरकार के किसी आदेश को नहीं मानने वाले और प्रशासन के विपरीत चलने वाले नक्सली इन दिनों कहां चले गए हैं? यह किसी को पता नहीं चल पा रहा है। कोरोना वायरस के खौफ से सभी नक्सली भूमिगत हो गए हैं। हालात ऐसे हो गए हैं कि नक्सलियों को खोजने में पुलिस ही अपनी ऊर्जा लगा रही है और न ही वे अपने सुरक्षित जोन से बाहर निकल रहे हैं।
ऐसे में न तो पुलिस को गोली, बम, बारूद की दहशत है और न ही आमजन दहशत में है। सभी अपनी व दूसरों की जान बचाने की कोशिश में जुटे हैं। राज्य में 22 मार्च के बाद से अब तक नक्सली हिंसा व नक्सली गतिविधियों की एक भी सूचना नहीं है। यहां तक कि कोयला साइडिंग, खनन-पट्टा और विकास योजनाओं का पूरी तरह बंद हो गए हैं।
कोरोना के चलते लेवी-रंगदारी के लिए होने वाली नक्सली घटनाएं पूरी तरह बंद हैं। पुलिस भी लॉकडाउन कानून का पालन कराने में जुटी हुई है। पुलिस भले ही जंगल में नक्सलियों के खिलाफ अभियान चलाने के लिए जमी है, लेकिन लॉकडाउन कानून का पालन अभी प्राथमिकता है।
छत्तीसगढ़ में पिछले दिनों नक्सलियों के हमले में 17 जवानों की शहादत व 14 जवानों का गंभीर रूप से जख्मी होने की घटना के बाद से ही झारखंड की पुलिस भी सतर्क है। राज्यों की सीमा पर चौकसी भी है, लेकिन वहां भी सर्वाधिक जोर लॉकडाउन कानून का सख्ती से पालन करने पर दिया जा रहा है।