Navy Day: आज ही के दिन भारतीय नौसेना ने पाक के करांची बंदरगाह को कर दिया था तबाह

By अनुराग आनंद | Updated: December 4, 2020 12:13 IST2020-12-04T12:04:58+5:302020-12-04T12:13:27+5:30

4 दिसंबर के ही दिन नौसैनिकों ने ऑपरेशन ट्राइटेंड चलाकर पाकिस्तान के कराची में हमला किया था। इसी ऑपरेशन ट्राइटेंड की सफलता से भारत ने इस ऐतिहासिक युद्ध में विजयी प्राप्त किया। यही वजह है कि इस दिन को नौसेना दिवस के रूप में मनाया जाता है।

Navy Day: On this day, the Indian Navy destroyed the Karachi port of Pakistan. | Navy Day: आज ही के दिन भारतीय नौसेना ने पाक के करांची बंदरगाह को कर दिया था तबाह

इंडियन नेवी (फाइल फोटो)

Highlightsऑपरेशन से पूर्व नौसेना प्रमुख एसएम नंदा इंदिरा गांधी से मिले थे।इस ऑपरेशन के बारे में बताने के बाद जब नंदा ने प्रधानमंत्री इंदिरा को अपने विश्वास में ले लिया।इसी ऑपरेशन ट्राइटेंड की सफलता से भारत ने इस ऐतिहासिक युद्ध में विजयी प्राप्त किया।

आज देश कोरोना महामारी के बीच नौसेना दिवस मना रहा है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नौसैनिकों के अदम्य साहस और पराक्रम को सराहनीय बताते हुए शुक्रवार को नौसेना दिवस के अवसर पर शुभकामनाएं व्यक्त की।

नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया कि हमारे सभी बहादुर नौसेना कर्मियों और उनके परिवारों को नौसेना दिवस की शुभकामनाएं। भारतीय नेवी निडर होकर हमारे तटों की रक्षा करती है और जरूरत के समय मानवीय सहायता भी प्रदान करती है। हमें सदियों से भारत की समृद्ध समुद्री परंपरा भी याद है।

आज ही के दिन क्यों मनाया जाता है नौसेना दिवस-

आपको बता दें कि भारत ने 1971 की युद्ध में पाकिस्तान पर विजय प्राप्त किया था। इस युद्ध में भारतीय नौसैनिकों ने देश के इंडियन आर्मी व एयर फोर्स के साथ कदम से कदम मिलाकर पाकिस्तानी सेना का सामना किया। इस युद्ध में 4 दिसंबर के ही दिन नौसैनिकों ने ऑपरेशन ट्राइटेंड चलाकर पाकिस्तान के कराची में हमला किया था। इसी ऑपरेशन ट्राइटेंड की सफलता से भारत ने इस ऐतिहासिक युद्ध में विजयी प्राप्त किया। 

ऑपरेशन ट्राइटेंड क्या है-

आपको बता दें कि ऑपरेशन ट्राइटेंड भारतीय नौसैनिकों द्वारा युद्ध के दौरान एक मिशन के तहत चलाया जाने वाला अभियान था। इस अभियान के तहत पाकिस्तानी नौसेना के कार्यालय को निशाना बनाया गया था। इसके लिए हिंदुस्तानी फौज ने 3 विद्युत क्‍लास मिसाइल बोट, 2 एंटी-सबमरीन और एक टैंकर के अलावा सुमद्री सुरंगों को बर्बाद करने के लिए 12 जहाज लगाए थे। इस ऑपरेशन को रात में अंजाम देने की योजना बनाई गई थी।

3 दिसंबर के रात में किया हमला और 4 दिसंबर को मिली जीत-

भारतीय नौसैनिकों ने अपने तय योजना के मुताबिक साल 1971 के 3 दिसंबर की रात को पाकिस्तानी नौसेना दफ्तर को निशाना बनाया। इसके बाद भारतीय फौज ने पाकिस्तानी सेना के समुद्री सुरंग आदि को तबाह करना शुरू कर दिया। इस योजना के तहत भारत ने पाकिस्तान के 5 सैनिकों को मार गिराए जबकि सैकड़ों लोग घायल हुए। इस ऑपरेशन की सबसे बड़ी सफलता यह रही कि इस हमले में भारत के एक भी जवान घायल नहीं हुए। 

ऑपरेशन से पूर्व नौसेना प्रमुख एसएम नंदा  इंदिरा से मिले थे-

इस ऑपरेशन को अंजाम देने से पहले उस समय के नौसेना अध्यक्ष एडमिरल एसएम नंदा इंदिरा गांधी से मिलने गए थे। नंदा ने इंदिरा से पूछा था कि यदि नौसेना पाकिस्तान के करांची स्थित पाकिस्तानी नौसेना कार्यालय पर हमला करने की योजना बनाए तो क्या इसे सरकार की सहमती मिलेगी। इंदिरा की राय लेने के बाद उनकी योजनाओं के बारे में नंदा ने गहराई से उन्हें समझाया था। 

ऑपरेशन के बारे में इंदिरा ने नौसेना से कहा था-

इस ऑपरेशन के बारे में बताने के बाद जब नंदा ने प्रधानमंत्री इंदिरा को अपने विश्वास में ले लिया। इसके बाद इंदिरा ने नौसेना प्रमुख से कहा था कि इफ देअर इज अ वॉर, देअर इज अ वॉर। दरअसल, नंदा इंदिरा को यह बताने में सफल रहे थे कि 1965 की युद्ध में नौसेना को फ्री हैंड यौजना बनाकर हमला करने से रोक दिया गया था। ऐसे में इस बार इंदिरा ने इस ऑपरेशन के लिए सेनाध्यक्ष को हरी झंडी दे दी।

Web Title: Navy Day: On this day, the Indian Navy destroyed the Karachi port of Pakistan.

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