नवजोत सिंह सिद्धू को लेकर राजनीति तेज होती जा रही है। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और सिद्धू के बीच चल रहा तनाव भी अब सामने दिखने लगा है। इसी बीच पंजाब के बीजेपी नेता तरुण चुघ ने राज्य सरकार में जारी इस विवाद पर राज्यपाल को चिट्ठी लिखा। तरुण ने कहा कि पंजाब में संवैधानिक संकट है। महीने भर से ज्यादा समय हो गया मंत्री ने शपथ तो ले लिया लेकिन काम नहीं शुरू किया।
तरुण ने सिद्धू पर यह भी आरोप लगाया कि मंत्री अपना वेतन तो ले रहे हैं लेकिन काम नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सीएम और मंत्री के बीच खींचतान का नुकसान जनता को उठाना पड़ रहा है। मैंने गवर्नर से पंजाब के हक में फैसला करने की अपील किया है।
चुघ का कहना है कि ऐसा पहली बार हुआ है कि एक मंत्री, मुख्यमंत्री के आदेशों का पालन नहीं कर रहा और अपने विभाग का कार्यभार नहीं ले रहा है।
ये था मामला-पंजाब कैबिनेट में फेरबदल में महत्वपूर्ण विभाग छिनने के बाद नवजोत सिंह सिद्धू ने लगभग एक महीने बाद भी अपने नए मंत्रालय का कार्यभार नहीं संभाला है। इसी बात पर मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के साथ उनका गतिरोध लगातार जारी है।
मुख्यमंत्री ने गत छह जून को सिद्धू से स्थानीय प्रशासन और पर्यटन तथा संस्कृति विभागों का प्रभार छीन लिया था और उन्हें बिजली तथा नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय का कार्यभार सौंपा था।
कैबिनेट में फेरबदल के दो दिन बाद आठ जून को सरकार के महत्वाकांक्षी कार्यक्रमों के क्रियान्वयन में तेजी के लिए मुख्यमंत्री द्वारा गठित मंत्रणा समूहों से भी सिद्धू बाहर हो गए थे। मुख्यमंत्री और सिद्धू के बीच गतिरोध को दूर करने का जिम्मा वरिष्ठ कांग्रेस नेता अहमद पटेल को सौंपा गया था। अमरिंदर सिंह ने पिछले महीने अपने दिल्ली दौरे के दौरान पटेल से मुलाकात की थी, लेकिन पार्टी ने इस बैठक को कथित तौर पर ‘‘शिष्टाचार बैठक’’ करार दिया था।
सिद्धू ने 10 जून को राहुल गांधी, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और वरिष्ठ कांग्रेस नेता अहमद पटेल के साथ टि्वटर और फेसबुक पर एक तस्वीर भी साझा की थी। उन्होंने इसके बाद टि्वटर और फेसबुक पर कुछ भी साझा नहीं किया है।