उत्तराखंड में कांग्रेस की हार पर पार्टी नेता का आरोप, अपने ही लोगों ने भाजपा से मिलकर पार्टी को हराया
By मनाली रस्तोगी | Published: March 17, 2022 09:55 AM2022-03-17T09:55:51+5:302022-03-17T10:24:40+5:30
कांग्रेस नेता नव प्रभात ने चुनावी हार के बाद बड़ा बयान दिया है। प्रभात का कहना है कि पार्टी के कुछ उम्मीदवारों ने किसी-किसी जगह पर भाजपा उम्मीदवारों की मदद की।

उत्तराखंड में कांग्रेस की हार पर पार्टी नेता का आरोप, अपने ही लोगों ने भाजपा से मिलकर पार्टी को हराया
देहरादून: पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में मिली करारी शिकस्त के बाद कांग्रेस में आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है। चुनावी हार के बाद पार्टी में आतंरिक कलह और बढ़ गई है, जिसके चलते अब कांग्रेस के कुछ दिग्गज नेता भी पार्टी को लेकर सवाल खड़े करते हुए भी नजर आए। इस बीच कांग्रेस नेता नव प्रभात का विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली हार को लेकर बयान सामने आया है।
Can't blame a single person for loss in Assembly election. At some places some party candidates helped BJP candidates. Groupism shouldn't prevail. Intensive review is need of the hour not just a ceremonial review meeting: Former state minister & Congress leader Nav Prabhat(16.03) pic.twitter.com/njYm4urS2Q
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) March 17, 2022
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, प्रभात ने कहा, "विधानसभा चुनाव में हार के लिए किसी एक व्यक्ति को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। कहीं-कहीं पार्टी के कुछ उम्मीदवारों ने भाजपा उम्मीदवारों की मदद की। गुटबाजी हावी नहीं होनी चाहिए। केवल औपचारिक समीक्षा बैठक ही नहीं, बल्कि गहन समीक्षा इस समय की मांग है।" बता दें कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन के चलते कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पांचों राज्यों के प्रदेश अध्यक्षों से इस्तीफा मांगा था, ताकि कांग्रेस कमेटी का पुनर्गठन हो सके।
मालूम हो, इस बार 70 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के पाले में महज 19 सीटें ही आईं, जबकि भाजपा ने 47 सीट जीतकर सत्ता बरकरार रखी। श्रीनगर विधानसभा सीट से उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गणेश गोदियाल को भी हार का सामना करना पड़ा। वहीं, आम आदमी पार्टी से कांग्रेस को पंजाब में भी करारी हार मिली और पार्टी 18 सीटों पर सिमट गई। अमृतसर पूर्व से नवजोत सिंह सिद्धू भी चुनाव हार गए। उत्तर प्रदेश में भी कांग्रेस की स्थिति कुछ अच्छी नहीं रही। यहां पार्टी सिर्फ दो सीटों पर सिमट गई, जबकि गोवा और मणिपुर में भी पार्टी का प्रदर्शन खराब रहा।