किसानों का राष्ट्रव्यापी ‘रेल रोको’ आंदोलन, रेलवे ने बताया ‘नगण्य’ असर

By भाषा | Updated: February 18, 2021 21:12 IST2021-02-18T21:12:24+5:302021-02-18T21:12:24+5:30

Nationwide 'stop rail' movement of farmers, railways reported 'negligible' effect | किसानों का राष्ट्रव्यापी ‘रेल रोको’ आंदोलन, रेलवे ने बताया ‘नगण्य’ असर

किसानों का राष्ट्रव्यापी ‘रेल रोको’ आंदोलन, रेलवे ने बताया ‘नगण्य’ असर

नयी दिल्ली, 18 फरवरी केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान संगठनों ने बृहस्पतिवार को चार घंटे के लिए देशभर में ‘रेल रोको’ आंदोलन किया। वहीं, रेलवे ने कहा कि ट्रेन सेवाओं पर इस आंदोलन का नगण्य असर रहा, हालांकि अधिकारियों ने एहतियात के तौर पर कई ट्रेनों को स्टेशनों पर ही रोक दिया।

पंजाब और हरियाणा में किसान अनेक स्थानों पर रेल पटरियों पर बैठ गए जिससे कुछ मार्गों पर रेलगाड़ियों का सामान्य आवागमन प्रभावित हुआ।

उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और कर्नाटक में भी कुछ स्थानों पर प्रदर्शन हुए। हालांकि, कई राज्यों में यह नाममात्र का ही आंदोलन रहा।

ऑल इंडिया किसान सभा ने दावा किया कि आंदोलन को देशभर में जबरदस्त समर्थन मिला।

संगठन ने यह भी दावा किया कि मध्य प्रदेश, बिहार, कर्नाटक और तेलंगाना में कुछ कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है।

सभा ने एक बयान में कहा, ‘‘रेल रोको आंदोलन की जबरदस्त सफलता मोदी सरकार को एक चेतावनी है। देशभर में किसानों ने मांगें पूरी होने तक संघर्ष जारी रखने का संकल्प व्यक्त किया है।’’

रेलवे के एक प्रवक्ता ने कहा कि आंदोलन के दौरान कोई अप्रिय घटना नहीं हुई और देशभर में ट्रेनों के परिचालन पर नगण्य या न्यूनतम असर हुआ।

उन्होंने कहा कि शाम चार बजे आंदोलन समाप्त होने के एक घंटे के भीतर देशभर में ट्रेन सेवाएं सामान्य हो गईं।

संयुक्त किसान मोर्चे ने दोपहर 12 बजे से शाम चार बजे के बीच ‘रेल रोको’ आंदोलन का आह्वान किया था।

इससे पूर्व, रेलवे ने आज किसानों के ‘रेल रोको’ आंदोलन के चलते लगभग 25 ट्रेनों के परिचालन में परिवर्तन किया गया।

प्रवक्ता ने कहा, ‘‘अधिकतर जोन से आंदोलनकारियों द्वारा किसी ट्रेन को न रोके जाने की सूचना मिली है। कुछ रेलवे जोन में कुछ क्षेत्रों में कुछ ट्रेनों को रोका गया, लेकिन अब ट्रेन परिचालन सामान्य है। ‘रेल रोको’ आंदोलन से निपटने में अत्यधिक धैर्य बरता गया।’’

देशभर में, खासकर पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में रेलवे पुलिस सुरक्षा बल की 20 अतिरिक्त कंपनियां तैनात की गईं।

हरियाणा के कुरुक्षेत्र में किसान गीता जयंती एक्सप्रेस के इंजन पर चढ़ गए। ट्रेन उस समय खड़ी थी।

कुरुक्षेत्र में एक रेलवे अधिकारी ने कहा, ‘‘ट्रेन कुरुक्षेत्र स्टेशन से अपराह्न तीन बजे के बाद रवाना होने वाली थी।’’

अधिकारियों ने बताया कि पंजाब में किसान दिल्ली-लुधियाना-अमृतसर रेल मार्ग पर कई जगह रेल पटरियों पर बैठ गए।

उन्होंने बताया कि जालंधर में किसानों ने जालंधर छावनी-जम्मू रेल मार्ग को अवरुद्ध कर दिया।

किसानों ने लुधियाना में लुधियाना-फिरोजपुर रेल मार्ग पर मुल्लांपुर, डाखा और जगरांव में भी रेल पटरियों को अवरुद्ध कर दिया।

बठिंडा में बठिंडा-दिल्ली रेल मार्ग और अमृतसर-तरनतारन रेल मार्ग को भी प्रदर्शनाकरियों ने अवरुद्ध कर दिया।

अधिकारियों ने बताया कि हरियाणा में प्रदर्शन करने वालों में महिलाएं भी शामिल रहीं।

प्रदर्शनकारियों ने हरियाणा के अंबाला, कुरुक्षेत्र, पानीपत, पंचकूला, रोहतक, सोनीपत, हिसार और फतेहाबाद जिलों में जगह-जगह ट्रेन पटरियों को अवरुद्ध किया।

जींद और फतेहाबाद जिलों सहित कुछ स्थानों पर किसान रेल पटरियों पर बैठकर हुक्का पीते भी देखे गए।

अंबाला से भारतीय किसान यूनियन के नेता गुलाब सिंह मानकपुर के नेतृत्व में किसानों का एक समूह अंबाला छावनी स्टेशन से करीब दो किलोमीटर दूर शाहपुर गांव में पटरियों पर बैठ गया।

किसान नेता ने कहा, ‘‘कृषि कानून वापस लिए जाने तक हमारा प्रदर्शन शांतिपूर्ण तरीके से जारी रहेगा।’’

अधिकारियों ने बताया कि किसानों के ‘रेल रोको’ आह्वान के मद्देनजर हरियाणा और पंजाब दोनों राज्यों में सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए और राजकीय रेलवे पुलिस तथा राज्य पुलिस बल के कर्मियों को तैनात किया गया।

फिरोजपुर के मंडल रेल प्रबंधक राजेश अग्रवाल ने कहा कि किसानों ने लगभग 50 स्थानों पर धरना दिया।

हालांकि, उन्होंने कहा कि आंदोलन के चलते न तो किसी ट्रेन को रद्द किया गया और न ही किसी ट्रेन का मार्ग बदला गया।

उत्तर रेलवे के फिरोजपुर मंडल ने कुछ ट्रेनों को स्टेशनों पर ही रोक दिया जिससे कि यात्रियों को ज्यादा परेशानी न उठानी पड़े।

रोकी गईं ट्रेनों में फगवाड़ा रेलवे स्टेशन पर मालवा एक्सप्रेस, जालंधर छावनी स्टेशन पर सुपर एक्सप्रेस ट्रेन, पठानकोट छावनी स्टेशन पर मालवा एक्सप्रेस और लुधियाना रेलवे स्टेशन पर पश्चिम एक्सप्रेस शामिल हैं।

उन्होंने बताया कि दोपहर 12 बजे से शाम चार बजे के बीच चलने वाली ट्रेनों को भी उनके संबंधित स्टेशनों पर रोक दिया गया। इन ट्रेनों में धनबाद एक्सप्रेस को फिरोजपुर छावनी तथा शहीद एक्सप्रेस को अमृतसर में रोका गया।

अंबाला रेल मंडल के प्रबंधक जी. एम. सिंह ने कहा कि ‘रेल रोको’ आह्वान के कारण कोई ट्रेन रद्द नहीं हुई।

उन्होंने हालांकि, कहा कि मेल और मालगाड़ियों को उत्तर प्रदेश के सहारनपुर, हरियाणा के अंबाला और पंजाब के सरहिंद में रोका गया।

ये तीनों स्टेशन उत्तर रेलवे के अंबाला मंडल के अंतर्गत आते हैं।

जींद में बारसोला गांव के नजदीक रेल पटरियों को अवरुद्ध किया गया, जहां बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी एकत्र हो गए।

यमुनानगर और बहादुरगढ़ में भी रेल पटरियों को अवरुद्ध किया गया। इसके अलावा हिसार-सादुलपुर, हिसार-भिवानी, हिसार-सिरसा और हिसार-जाखल मार्ग पर भी पटरियों को अवरुद्ध किया गया।

भारतीय किसान यूनियन (एकता उग्राहां) के महासचिव सुखदेव सिंह कोकरीकलां ने बताया कि संगठन के सदस्यों ने पंजाब के नाभा, मानसा, बरनाला, बठिंडा, फिरोजपुर, जालंधर और तरन तारन सहित 22 जगहों पर ट्रेन पटरियों को अवरुद्ध किया।

राजस्थान में अधिकारियों ने कहा कि रेवाड़ी-श्री गंगानगर स्पेशल ट्रेन एकमात्र ऐसी ट्रेन रही जिसे रद्द किया गया, जबकि कुछ अन्य के आवागमन में विलंब हुआ।

पश्चिम बंगाल में भी छिटपुट प्रदर्शन हुए जिनका रेल सेवाओं पर बहुत कम या बिलकुल असर नहीं हुआ।

महाराष्ट्र में कई संगठनों के सदस्यों और कांग्रेस, शिवसेना, राकांपा, जनता दल और आम आदमी पार्टी सहित राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं ने ‘रेल रोको’ आंदोलन में भाग लिया।

श्रम कल्याण कार्यकर्ता नितिन पवार ने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने कोयना एक्सप्रेस को रोक दिया और ट्रेनों के सामने खड़े होकर नारेबाजी की।

इस संबंध में एक अधिकारी ने कहा कि औरंगाबाद से करीब 40 किलोमीटर दूर लासूर स्टेशन पर कम से कम 12 लोगों को हिरासत में लिया गया।

रेलवे पुलिस के अधिकारी ने कहा कि जालना-मुंबई जनशताब्दी ट्रेन को स्टेशन पर लगभग आधे घंटे तक रोककर रखा गया।

उन्होंने कहा, ‘‘हमने 12 लोगों को हिरासत में लिया है और आगे की जांच जारी है।’’

कर्नाटक में बेंगलुरु में प्रदर्शन का कोई खास असर नहीं दिखा। हालांकि, रायचूर, बेलगावी और दावणगेरे में काफी संख्या में प्रदर्शनकारी एकत्र हो गए।

सूत्रों ने कहा कि रायचूर, बेलगावी और दावणगेरे में कुछ प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर लिया गया।

उल्लेखनीय है कि केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ हजारों किसान पिछले साल नवंबर के अंत से दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: Nationwide 'stop rail' movement of farmers, railways reported 'negligible' effect

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे