प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को राजधानी दिल्ली में बने देश के पहले युद्ध स्मारक का उद्घाटन किया। इस स्मारक में आजादी के बाद देश के लिए अपनी जान की कुर्बान देने वाले 25,942 जवानों के नाम अंकित किए हैं।
यह स्मारक 40 एकड़ में बनाया गया है और ये उन जवानों के प्रति सम्मान का सूचक है जिन्होंने देश की रक्षा के लिए अपनी जान दी है। इस वॉर मेमोरियल को देश की रक्षा में शहीद होने वाले जवानों की याद में बनाया गया है।
कार्यक्रम की शुरुआत में मोदी ने कही ये बातें
पीएम मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत में कहा- 'मैं राष्ट्र रक्षा के सभी मोर्चों पर, मुश्किल परिस्थितियों में डटे हर वीर-वीरांगना को भी नमन करता हूं। इस ऐतिहासिक स्थान पर मैं, पुलवामा में शहीद हुए वीर सपूतों, भारत की रक्षा में सर्वस्व न्योछावर करने वाले हर बलिदानी को नमन करता हूं।'
मोदी ने कहा कि बीते दशकों में एक-दो बार प्रयास हुए लेकिन कुछ ठोस हो नहीं पाया। लेकिन आपके आशीर्वाद से साल 2014 में हमने राष्ट्रीय समर स्मारक बनाने के लिए प्रक्रिया शुरु की और आज तय समय से पहले ही इसका लोकार्पण होने वाला है।
भारतीय सेना की शक्ति को आज वैश्विक पटल पर सम्मान भी दिया जा रहा है। भारतीय सेना एक ऐसी सेना है, जो शांति की स्थापना के लिए हथियार उठाती है। सेना और देश की सुरक्षा को उन लोगों ने अपनी कमाई का साधन बना लिया था। शायद शहीदों को याद करके उन्हें कुछ मिल नहीं सकता था, इसलिए उन्हें भुलाना ही उन्हें आसान लगा।
साल 2009 में सेना ने 1 लाख 86 हजार बुलेट प्रूफ जैकेट्स की मांग की थी, लेकिन सेना के लिए बुलेट प्रूफ जैकेट्स नहीं खरीदी गईं। हमारी सरकार ने बीते साढ़े चार वर्षों में 2 लाख 30 हजार से ज्यादा बुलेट प्रूफ जैकेट्स खरीदी हैं। बोफोर्स से लेकर हेलीकॉप्टर तक, सारी जांच का एक ही परिवार तक पहुंचना, बहुत कुछ कह जाता है।
कांग्रेस पर तंज कसते हुए मोदी ने कहा- लोग पूरी ताकत लगा रहे हैं कि भारत में राफेल विमान न आ पाए। अगले कुछ महीनों में जब देश का पहला राफेल, भारत के आसमान में उड़ान भरेगा, तो खुद ही इनकी सारी कोशिशों को, साजिशों को ध्वस्त कर देगा।
हमारी सरकार देश की सेना को मजबूत करने के लिए उसे अत्याधुनिक एयरक्राफ्ट, हेलीकाप्टर, पनडुब्बियों, जहाज और अन्य हथियारों से युक्त कर रही है। वो कौन सी वजहें थीं, जिसकी वजह से किसी का ध्यान अभी तक शहीदों के लिए स्मारक पर नहीं गया। इंडिया फर्स्ट और फैमिली फर्स्ट का जो अंतर है, वही इसका जवाब है। स्कूल से लेकर अस्पताल तक, हाईवे से लेकर एयरपोर्ट तक हर जगह एक ही परिवार का नाम जुड़ा रहता था।
मोदी महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि इस देश की सभ्यता, संस्कृति और इतिहास सबसे ऊपर है। मोदी याद रहे न रहे, परंतु इस देश के करोड़ों लोगों की तपस्या, समर्पण, वीरता और उनकी शौर्य गाथा अजर-अमर रहनी चाहिए।