जल्द ही स्थापित किया जाएगा राष्ट्रीय जल उपयोग दक्षता ब्यूरो

By भाषा | Updated: June 21, 2021 14:36 IST2021-06-21T14:36:09+5:302021-06-21T14:36:09+5:30

National Bureau of Water Use Efficiency to be set up soon | जल्द ही स्थापित किया जाएगा राष्ट्रीय जल उपयोग दक्षता ब्यूरो

जल्द ही स्थापित किया जाएगा राष्ट्रीय जल उपयोग दक्षता ब्यूरो

(दीपक रंजन)

नयी दिल्ली, 21 जून भारत में जल संबंधी चुनौतियों से निपटने के लिए जल संरक्षण के साथ-साथ जल संचयन और पानी का विवेकपूर्ण एवं बहुआयामी उपयोग सुनिश्चित करने के उद्देश्य से सरकार जल्द ही राष्ट्रीय जल उपयोग दक्षता ब्यूरो (एनबीडब्ल्यूयूई) की स्थापना करेगी।

जल शक्ति मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ‘भाषा’ को बताया, ‘‘ राष्ट्रीय जल उपयोग दक्षता ब्यूरो की स्थापना के प्रस्तावित ढांचे के संबंध में मसौदा ज्ञापन एवं व्यय समिति के विचारार्थ नोट तैयार हो गया है जिसे अंतर-मंत्रालयी विचार विमर्श के लिये भेजा गया है । संवैधानिक ढांचे के तहत राज्यों से विचार विमर्श भी जरूरी है । ’’

संसद के बजट सत्र में मार्च में पेश जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण विभाग संबंधी संसदीय समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग ने राष्ट्रीय जल उपयोग दक्षता ब्यूरो स्थापित करने से संबंधित मसौदा प्रस्ताव को मूल्यांकन के लिये स्थापना व्यय समिति (सीसीई) के समक्ष वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान भेजे जाने का निर्देश दिया था।

जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण विभाग ने राष्ट्रीय जल उपयोग दक्षता ब्यूरो की स्थापना पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 3 (3) के तहत अधिसूचना के माध्यम से करने का प्रस्ताव किया है । प्रस्तावित ब्यूरो की जिम्मेदारी पूरे देश में सिंचाई, पेयजल आपूर्ति, बिजली उत्पादन, उद्योगों एवं शहरों के उपयोग जैसे विभिन्न क्षेत्रों में जल उपयोग दक्षता को बेहतर बनाना है । अधिकारियों का कहना है कि प्रस्तावित ब्यूरो के गठन को चालू वित्त वर्ष में ही अंतिम रूप दिया जा सकता है ।

गौरतलब है कि नीति आयोग ने पिछले दिनों कहा था कि भारत को जल संकट का सामना करना पड़ रहा है, और यदि समय रहते उपचारात्मक कदम नहीं उठाए गए तो वर्ष 2030 तक देश में पीने योग्य जल की कमी हो सकती है।

गंगा बेसिन में स्थित जलाशयों पर इस वर्ष फरवरी में ‘‘क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया’’ के गणना सर्वेक्षण के अनुसार, गंगा बेसिन के पांच राज्यों में 578 जलाशयों में से 28 प्रतिशत जलाशय सूख गए, जबकि 411 जलाशय आबादी की बसावटों से घिरे पाए गए। इसके कारण जलाशयों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है ।

इससे पहले, केन्द्रीय भूजल बोर्ड के साल 2017 के अध्ययन के मुताबिक, देश में कुल 6881 ब्लाकों/मंडलों में भूजल स्तर को लेकर कराये गए सर्वेक्षण में पाया गया कि 1186 ब्लाक/मंडलों में भूमिगत जल का अत्यधिक दोहन किया गया है जबकि 313 ब्लाक/मंडल भूजल की दृष्टि से गंभीर स्थिति में हैं।

बढ़ती जनसंख्या, बड़े पैमाने पर शहरीकरण और औद्योगीकरण के कारण आजादी के समय जहाँ देश में प्रति व्यक्ति 5,277 घनमीटर पानी उपलब्ध था वह अब घटकर मात्र 1,869 घनमीटर से भी कम रह गया है। तालाबों और जलाशयों में पानी की निरन्तर कमी हो रही है।

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Web Title: National Bureau of Water Use Efficiency to be set up soon

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