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शालीनता, विद्वत्ता और पराक्रम का अद्भुत संगम हैं निर्मला सीतारमण

By भाषा | Updated: May 30, 2019 20:51 IST

सीतारमण से पहले पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 1975 और फिर 1980-1982 में प्रधानमंत्री रहते हुए रक्षा मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार संभाला था। सीतारमण के रक्षामंत्री रहते ही भारत ने पुलवामा आतंकी हमले के तेरह दिन के भीतर पाकिस्तान के बालाकोट में हवाई हमला करके आतंकवादी ठिकानों को ध्वस्त किया जिसमें कई आतंकवादी मारे गए।

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ठळक मुद्देनिर्मला सीतारमण ने राजनीति में महिला सशक्तिकरण की नयी परिभाषा गढ़ीकर्नाटक से राज्यसभा की सदस्य सीतारमण 2008 में भाजपा में शामिल हुई थीं और उन्हें 2014 में नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल में कनिष्ठ मंत्री के तौर पर जगह दी गई थी।

पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों पर जवाबी हमले हों या रक्षा उपकरणों की सफल खरीद, भारत की पहली पूर्णकालिक महिला रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने राजनीति में महिला सशक्तिकरण की नयी परिभाषा गढ़ी है और वह मोदी सरकार की सबसे ओजस्वी, कार्यकुशल और साहसी केंद्रीय मंत्रियों में से एक रही।

सीतारमण से पहले पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 1975 और फिर 1980-1982 में प्रधानमंत्री रहते हुए रक्षा मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार संभाला था। सीतारमण के रक्षामंत्री रहते ही भारत ने पुलवामा आतंकी हमले के तेरह दिन के भीतर पाकिस्तान के बालाकोट में हवाई हमला करके आतंकवादी ठिकानों को ध्वस्त किया जिसमें कई आतंकवादी मारे गए।

इस्राइल और अमेरिका के साथ रक्षा सौदों में सीतारमण की भूमिका अहम रही । पिछले कैबिनेट के सबसे उच्च शिक्षित मंत्रियों में से एक सीतारमण ने तिरुचिरपल्ली के सीतालक्ष्मी रामस्वामी कॉलेज से अर्थशास्त्र में स्नातक और देश के प्रतिष्ठित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) से अर्थशास्त्र में एम.फिल की डिग्री हासिल की है।

उन्हें तीन सितंबर 2017 को नरेंद्र मोदी की सरकार में रक्षा मंत्री बनाया गया था। इससे पहले 2014 में उन्होंने वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार संभाला था। यह प्रभार संभालने से पहले वह सुषमा स्वराज के बाद पार्टी की दूसरी महिला प्रवक्ता रहीं।

कर्नाटक से राज्यसभा की सदस्य सीतारमण 2008 में भाजपा में शामिल हुई थीं और उन्हें 2014 में नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल में कनिष्ठ मंत्री के तौर पर जगह दी गई थी। इसके अलावा वह 2003 से 2005 तक राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य भी रह चुकी हैं।

तमिलनाडु के मदुरै में 18 अगस्त 1959 में जन्मीं सीतारमण को ऐसे नाजुक समय में रक्षा मंत्री बनाया गया था जब 2019 के आम चुनावों में दो साल से भी कम का समय बच गया था और जब उनके सामने रक्षा सुधारों एवं संरचनात्मक कमियों को दूर करने की चुनौती थी।

उन्होंने 14 लाख सैन्यकर्मियों की तादाद वाले विश्व के तीसरे सबसे बड़े सैन्य बल की कमान संभाली। उन्होंने पद संभालने के बाद महिलाओं को वे भूमिकाएं देने के मामले पर गौर करने की बात भी कही थी जो अब तक बस पुरुषों के लिए सीमित थीं।

भाजपा प्रवक्ता के तौर पर शालीनता से टीवी बहसों में पार्टी का पक्ष रखने वाली दक्षिण भारतीय सीतारमण उत्तर भारत में भी लोकप्रिय चेहरा रहीं। उनकी हाजिरजवाबी के भी मुरीद कम नहीं और इसे इस तरह से समझा जा सकता है कि राफेल मामले पर कांग्रेस पर पलटवार करते हुए उन्होंने जब संसद में भाषण दिया तो वह सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था।

छोटे पर्दे पर होने वाली बहसों में धीर गंभीर हो कर अपनी बात रखने वाली सीतारमण सवालों का बेहद संतुलित जवाब देती हैं। उनका विवाह आंध्रप्रदेश के एक परिवार में हुआ। दिलचस्प बात यह है कि निर्मला के ससुराल वालों का जुड़ाव कांग्रेस के साथ रहा और निर्मला भाजपा से जुड़ीं। 

टॅग्स :नरेन्द्र मोदी शपथ ग्रहण समारोहनरेंद्र मोदीनिर्मला सीतारमण
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