33 साल पुराना है मोदी-शाह का पोलिटिकल कनेक्शन, जानिए इस जोड़ी का राजनीतिक इतिहास

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: May 30, 2019 20:18 IST2019-05-30T18:46:23+5:302019-05-30T20:18:18+5:30

नरेंद्र मोदी आज राष्ट्रपति भवन में लगातार दूसरी बार देश के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेंगे। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भी मोदी मंत्रिमंडल के सदस्य के रूप में आज शपथ लेंगे। लोकसभा चुनाव 2019 में मोदी-शाह की जोड़ी ने बीजेपी को अकेले दम पर 303 सीटों पर जीत दिलायी है। बीजेपी नीत एनडीए को 17वें आम चुनाव में 353 सीटों पर विजय मिली।

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अमित शाह (बाएं) गुजरात में नरेंद्र मोदी के मुख्यमंत्रीकाल में प्रदेश के गृह मंत्री रह चुके हैं। (file photo)

Highlightsराष्ट्रपति रामनाथ कोविंद नरेंद्र मोदी को राष्ट्रपति भवन में शाम 7 बजे पद और गोपनीयता की शपथ दिलाएंगे।नरेंद्र मोदी के बाद राजनाथ सिंह शपथ लेंगे और उनके बाद अमित शाह पद और गोपनीयता की शपथ लेंगे।पीएम नरेंद्र मोदी के साथ 40 से ज्यादा नेता केंद्रीय मंत्रिमंडल के सदस्य के तौर पर शपथ लेंगे।मोदी मंत्रिमंडल के सदस्यों को विभागों की घोषणा आज देर रात तक सम्भव है।

हिन्दी सिनेमा के जय-वीरू की जोड़ी की तरह समकालीन भारतीय राजनीति मोदी-शाह की जोड़ी सुपरहिट है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की ने लोकसभा चुनाव 2019 में 303 सीटों की नाबाद पारी खेली है।  

33 साल पुरानी इस जोड़ी के निजी इतिहास में 30 मई 2019 का दिन ऐतिहासिक है। आज नरेंद्र मोदी दोबारा देश के प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ लेंगे और अमित शाह उनके मंत्रिमंडल के सदस्य के तौर पर शपथ लेंगे। जब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे तो अमित शाह उनके गृह मंत्री रहे थे। 

गुजरात की स्थानीय राजनीति से प्रदेश की सियासत और फिर राष्ट्रीय राजनीति में इस जोड़ी ने सफलता के कई झण्डे गाड़े। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि इस दोस्ती की शुरुआत कैसे और कब हुई। आज हम आपको बताएंगे कि वर्तमान भारतीय राजनीति की सबसे सफल सियासी जोड़ी की नींव कब और कैसे पड़ी।

पीएम मोदी उम्र में अमित शाह से 14 साल एक महीने 5 दिन बड़े हैं। पीएम मोदी का जन्म 17 सितम्बर 1950 को गुजरात के वडनगर में हुआ था। अमित शाह का जन्म 22 अक्टूबर 1964 को मुंबई (तब बॉम्बे) में एक गुजराती जैन परिवार में हुआ था।  दो अलग-अलग शहरों और करीब डेढ़ दशक के अंतराल पर जन्मे इन दो नेताओं को आपस में जोड़ने वाले धागे का नाम था- राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ। 

नरेंद्र मोदी बाल स्वयंसेवक के रूप में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़ गये थे। बाद में वो आरएसएस के पूर्णकालिक कार्यकर्ता बन गये। अमित शाह भी करीब 14 साल की उम्र में तरुण स्वयंसेवक रूप में आरएसएस से जुड़ गये थे।

  नरेंद्र मोदी और अमित शाह की पहली मुलाकात 1982 में हुई। नरेंद्र मोदी उस समय आरएसएस के पूर्णकालिक स्वयंसेवक बन चुके थे। वहीं अमित शाह आरएसएस की छात्र इकाई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से जुड़ चुके थे।

आरएसएस की तरफ से नरेंद्र मोदी को अहमदाबाद का जिला प्रचारक नियुक्त किया गया था। उन्हें  युवाओं की गतिविधियों का मार्गदर्शक बनाया गया था। वहीं अमित शाह एबीवीपी के सचिव बनाये गये थे। एक इंटरव्यू में अमित शाह ने स्वीकार किया था कि 1985 के गुजरात चुनाव में वो बीजेपी के पोस्टर चिपकाया करते थे।

मोदी-शाह का 1986 कनेक्शन

1986 में अमित शाह बीजेपी युवा मोर्चा (भाजयुमो) में शामिल हुए। भाजयुमो में अमित शाह राज्य सचिव, उपाध्यक्ष, महासचिव इत्यादि पदों पर रहे। 1986 में ही नरेंद्र मोदी गुजरात बीजेपी के सचिव बनाये गये। इस दौरान पीएम मोदी ने अमित शाह को जमीनी स्तर की अहम जिम्मेदारियाँ दीं। 

1991 के लोक सभा चुनाव में बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी गांधीनगर संसदीय सीट से चुनाव लड़े थे। उस समय नरेंद्र मोदी और अमित शाह दोनों ने उनके लिए चुनावी प्रचार किया था। आडवाणी ने वह दिग्गज कांग्रेसी नेता जीआई पटेल को एक लाख से ज्यादा वोटों से हराकर जीता था। अगले ढाई दशकों तक बीजेपी के अंदरखाने मोदी और शाह दोनों को ही आडवाणी के "आदमी" के रूप में देखा जाता रहा। 
नरेंद्र मोदी और अमित शाह की दोस्ती में 1996 का साल बड़ा निर्णायक रहा। गुजरात बीजेपी के वरिष्ठ नेता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल नरेंद्र मोदी के रिश्ते तल्ख हो गये। माना जाता है कि इस गाढ़े वक़्त में अमित शाह ने नरेंद्र मोदी के साथ अपनी वफादारी बरकरार रखी जिससे वो हमेशा के लिए अपने 'साहब' (अमित शाह पीएम मोदी को इसी तरह पुकराते हैं) का भरोसा जितने में कामयाब रहे।
  
सीएम नरेंद्र मोदी और मंत्री अमित शाह

साल 2001 में बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव नरेंद्र मोदी को केशुभाई पटेल को हटाकर गुजरात का मुख्यमंत्री बनाया गया तो उन्होंने अमित शाह को अपने मंत्रिमंडल में जगह दी। उस समय अमित शाह की उम्र महज 37 साल थी लेकिन नरेंद्र मोदी के इस फैसले से साफ हो गया था कि उनकी नज़र में अमित शाह कितना अहमियत रखते हैं।

मुख्यमंत्री बनने तक नरेंद्र मोदी ने कभी कोई चुनाव नहीं लड़ा था। वो सांगठनिक पदों पर ही रहे थे। सीएम के रूप में जब उन्होंने अपना पहला विधान सभा चुनाव लड़ा तो अमित शाह उनके चुनाव प्रभारी थे। गुजरात विधान सभा के साल 2002, साल 2007 और साल 2012 में हुए चुनावों में अमित शाह नरेंद्र मोदी के राइटहैंड रहे। 

हर चुनाव के साथ नरेंद्र मोदी के लिए अमित शाह की अहमियत बढ़ती गयी। साल 2012 में जब तीसरी बार नरेंद्र मोदी ने विधान सभा चुनाव जीता तो उन्होंने अमित शाह को मंत्री बनाने के साथ 17 मंत्रालयों का कार्यभार सौंपा था। जाहिर है, साल 2012 आते-आते मोदी-शाह की जोड़ी 'दो जिस्म एक जान' जैसी हो चुकी थी।

पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी प्रेसिंडेंट अमित शाह

2014 के लोक सभा चुनाव से पहले बीजेपी ने अमित शाह को उत्तर प्रदेश का चुनाव प्रभारी बनाया। नरेंद्र मोदी पार्टी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार थे। मोदी के पीएम बनने की संभावनाओं का बड़ा दारोमदार बीजेपी के यूपी में प्रदर्शन पर टिका था।

बीजेपी साल 2009 और 2004 के आम चुनाव में यूपी में बीजेपी को केवल 10-10 सीटों पर ही जीत मिली थी। लेकिन अमित शाह के रणनीतिक कौशल और मोदी के करिश्मे का ऐसा असर हुआ कि यूपी की 80 लोक सभा सीटों में 73 सीटों पर बीजेपी गठबंधन को जीत मिली। बीजेपी ने यूपी में इतनी सीटें कभी नहीं जीती थीं।
  
2014 के आम चुनाव में बीजेपी गठबंधन को दो-तिहाई बहुमत मिला और मई 2014 में नरेंद्र मोदी के पीएम बने। जुलाई 2014 में अमित शाह की बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में ताजपोशी हो गयी। इस तरह बीजेपी की राष्ट्रीय राजनीति आधिकारिक तौर पर मोदी-शाह युग की शुरुआत हो गयी। 

तीन गुजरात विधान सभा चुनाव और लोक सभा चुनाव 2014 के बाद राष्ट्रीय राजनीति में मोदी-शाह के नेतृत्व में बीजेपी ने महाराष्ट्र, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, असम, गुजरात और उत्तराखंड इत्यादि राज्यों के विधान सभा चुनावों में जीत हासिल की है।

लोकसभा चुनाव 2019 में इस जोड़ी की साख पिछले आम चुनाव के मुकाबले ज्यादा निशाने पर थी। लेकिन जिस तरह मोदी-शाह के नेतृत्व में एनडीए ने कुल 542 में से 353 सीटों पर जीत हासिल कि उससे उनके सभी आलोचकों के मुँह बंद हो चुके हैं। 

English summary :
In the personal history of this 33-year-old modi and amit shah friendship Today, Narendra Modi will again swear as the country's prime minister and Amit Shah will be sworn in as a member of his cabinet. When Narendra Modi was the Chief Minister of Gujarat, Amit Shah was his Home Minister.


Web Title: narendra modi cabinet 2019 history of pm modi and bjp president amit shah relationship today oath ceremony

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