नयी दिल्ली, 27 दिसंबर पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत पी. वी. नरसिंह राव को श्रद्धांजलि देते हुए उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने रविवार को कहा कि उनके द्वारा किए गए साहसिक आर्थिक सुधार से देश के विकास को गति देने में मदद मिली।
राव को बहुआयामी व्यक्तित्व का धनी बातते हुए नायडू ने कहा कि वह एक महान विद्वान, लेखक और कई भाषाओं के जानकार थे।
एक आधिकारिक बयान में बताया गया कि नायडू ने कहा कि बहरहाल, उन्हें उचित सम्मान नहीं मिला।
पत्रकार ए. कृष्ण राव की तेलुगु पुस्तक ‘‘विप्लव तपस्वी : पीवी’’ का हैदराबाद में विमोचन करते हुए नायडू ने कहा कि राव जब प्रधानमंत्री बने तब देश गंभीर आर्थिक संकट और राजनीतिक अनिश्चितता से जूझ रहा था।
बयान के मुताबिक, नायडू ने कहा कि बहरहाल, राव ने कई राजनीतिक पंडितों के अनुमान के इतर देश को अपने कार्यकाल में कई चुनौतियों से निपटने में मदद की।
राव जून 1991 से मई 1996 तक देश के प्रधानमंत्री रहे।
राव का जन्म 28 जून 1921 को हुआ था और उनका निधन 23 दिसंबर 2004 को हुआ था।
नायडू ने कहा कि राव कुशल प्रशासक थे।
बयान में नायडू के हवाले से बताया गया है, ‘‘हालांकि कुछ लोग उनकी कुछ नीतियों से सहमत नहीं हो सकते हैं, लेकिन उनके द्वारा शुरू किए गए कुछ व्यापक पहल देश हित में थे। विश्व व्यापार संगठन में भारत का प्रवेश उन्हीं के कारण हो पाया।’’
उपराष्ट्रपति ने कहा कि नरसिंह राव ने लाइसेंस राज को खत्म किया, बैंकिंग सुधार किए, बिजली का निजीकरण किया, दूरसंचार का आधुनिकीकरण किया और निर्यात को प्रोत्साहित करने तथा विदेशी निवेश आकर्षित करने के लिए कदम उठाए।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि उन्होंने कृषि क्षेत्र में भी सुधार की शुरुआत की और खाद्यान्नों के परिवहन पर प्रतिबंधों को हटाया।
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