नारद स्टिंग मामला : गिरफ्तार चारों नेताओं को नजरबंदी में भेजने का आदेश, बड़ी पीठ का गठन

By भाषा | Updated: May 21, 2021 20:53 IST2021-05-21T20:53:58+5:302021-05-21T20:53:58+5:30

Narada sting case: order to send arrested four leaders under house arrest, constitutes large bench | नारद स्टिंग मामला : गिरफ्तार चारों नेताओं को नजरबंदी में भेजने का आदेश, बड़ी पीठ का गठन

नारद स्टिंग मामला : गिरफ्तार चारों नेताओं को नजरबंदी में भेजने का आदेश, बड़ी पीठ का गठन

कोलकाता, 21 मई कलकत्ता उच्च न्यायालय ने इस हफ्ते के शुरुआत में नारद स्टिंग ऑपरेशन मामले में गिरफ्तार पश्चिम बंगाल के दो मंत्रियों, एक विधायक और पूर्व महापौर को शुक्रवार को घर में ही नजरबंद करने का आदेश दिया।

अदालत ने अपने पूर्व के आदेश को संशोधित किया जिसके तहत सीबीआई अदालत द्वारा चारों नेताओं को दी गयी जमानत पर रोक लगायी गयी थी।

अदालत ने निर्देश दिया कि दोनों मंत्री ऑनलाइन उन्हें भेजी गयी आधिकारिक फाइलों का निपटारा और वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए बैठकें कर सकते हैं।

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल की अध्यक्षता वाली पीठ में सीबीआई की विशेष अदालत द्वारा मंत्री सुब्रत मुखर्जी और फरहाद हकीम, तृणमूल कांग्रेस विधायक मदन मित्रा और कोलकाता के पूर्व महापौर सोवन चटर्जी को दी गई जमानत पर रोक लगाने को लेकर मतभेद था। इस पीठ ने मामले को वृहद पीठ के पास भेजने का फैसला किया।

इसके लिए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश ने पांच न्यायाधीशों की एक पीठ बनायी है जिसमें वह खुद, न्यायमूर्ति आई पी मुखर्जी, न्यायमूर्ति हरीश टंडन, न्यायमूर्ति सौमेन सेन और न्यायमूर्ति अरिजीत बनर्जी होंगे। मामले में 24 मई को सुनवाई होगी।

नयी पीठ मामले को निचली अदालत से उसके पास स्थानांतरित करने की सीबीआई की अर्जी पर सुनवाई करेगी।

पीठ ने 17 मई के अपने पूर्व के आदेश को संशोधित करते हुए शुक्रवार को निर्देश दिया कि आरोपियों की उम्र और स्वास्थ्य संबंधी मुद्दे को ध्यान में रखते हुए जेल में हिरासत के बजाए सभी आरोपियों को उनके घरों पर ही नजरबंद रखा जा सकता है।

पीठ ने निर्देश दिया कि नजरबंदी के दौरान उन्हें सभी चिकित्सकीय सुविधाएं मिलेंगी और सभी पाबंदी का पालन करना होगा।

पीठ ने निर्देश दिया कि राज्य में जेल अधिकारियों का कर्तव्य है कि वह इन निर्देशों का पालन कराए।

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने नारद स्टिंग मामले को स्थानांतरित करने का अनुरोध किया वहीं चारो आरोपियों ने सीबीआई की विशेष अदालत द्वारा उन्हें दी गयी जमानत पर रोक लगाने के आदेश को वापस लेने का अनुरोध किया।

नारद टीवी न्यूज चैनल के मैथ्यू सैमुअल ने 2014 में कथित स्टिंग ऑपरेशन किया था जिसमें तृणमूल कांगेस के मंत्री, सांसद और विधायक लाभ के बदले में कंपनी के प्रतिनिधियों से कथित तौर पर धन लेते नजर आए। उस वक्त चारों नेता ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली सरकार में मंत्री थे।

यह टेप पश्चिम बंगाल में 2016 के विधानसभा चुनाव के ठीक पहले सार्वजनिक हुआ था।

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Web Title: Narada sting case: order to send arrested four leaders under house arrest, constitutes large bench

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