हार की हताशा में किसानों को गुमराह करने की कोशिश में हैं ‘पिटे हुए पोलिटकल प्लेयर्स’ : नकवी

By भाषा | Updated: December 18, 2020 15:45 IST2020-12-18T15:45:08+5:302020-12-18T15:45:08+5:30

Naqvi: 'beaten political players' trying to mislead farmers in desperation of defeat | हार की हताशा में किसानों को गुमराह करने की कोशिश में हैं ‘पिटे हुए पोलिटकल प्लेयर्स’ : नकवी

हार की हताशा में किसानों को गुमराह करने की कोशिश में हैं ‘पिटे हुए पोलिटकल प्लेयर्स’ : नकवी

(अनवारुल हक)

नयी दिल्ली, 18 दिसंबर केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कृषि कानूनों को लेकर सरकार पर हमलावर विपक्षी नेताओं पर निशाना साधते हुए शुक्रवार को कहा कि ये ‘पिटे हुए पोलिटिकल प्लेयर्स’ हार की हताशा में किसानों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं।

उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि खेती के बारे में कोई समझ नहीं रखने वाले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी किसानों के सबसे बड़े नेता बने हुए हैं और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी इसमें शामिल हैं जो ‘करने में जीरो और धरने में हीरो’ हैं।

अल्पसंख्यक कार्य मंत्री ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए साक्षात्कार में कहा, ‘‘यह पूरा मुद्दा ‘आपराधिक साजिश की संदूक और किसानों के कंधे पर बंदूक’ का है। ये जो लोग किसानों के कंधें पर बंदूक रखकर घूम रहे हैं वो बिल्कुल अतार्किक बात कर रहे हैं। पूरे देश के किसान इस बात से संतुष्ट हैं कि नरेंद्र मोदी जी आत्मनिर्भर कृषक के साथ आत्मनिर्भर कृषि बनाने के लिए काम कर रहे हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘सरकार ने पूरी गारंटी दी है कि न तो न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) हटेगा, न तो मंडियां खत्म होंगी और न ही किसानों की जमीन पर किसी तरह का खतरा है। फिर भी ‘मोदी बैसिंग ब्रिगेड’ इस आंदोलन में आ गए हैं। इन लोगों का काम सिर्फ प्रधानमंत्री के बारे में बुरा-भला कहना है। ये लोग किसानों को गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं। ज्यादातर किसान इस बात को समझ गए हैं।’’

नकवी के मुताबिक, प्रधानमंत्री मोदी को गरीबों और किसानों का दर्द मालूम हैं।

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘ये लोग ऐसे पिटे हुए पोलिटकल प्लेयर्स हैं जिन्हें जनता ने बार-बार खारिज किया हैं। राहुल गांधी किसानों के सबसे बड़े नेता बने हुए हैं जिन्हें खेती के बारे में कुछ नहीं पता। केजरीवाल भी इसमें आ गए हैं जो ‘काम करने में जीरो और धरने में हीरो’ हैं।’’

मंत्री ने कहा, ‘‘मोदी जी जब 2014 में प्रधानमंत्री बने तो कृषि का बजट 12 हजार करोड़ रुपये था जिसे मोदी जी ने 1.34 लाख करोड़ रुपये कर दिया। हर किसान को प्रति वर्ष छह हजार रुपये मिल रहा है। किसानों के लिए पेंशन की व्यवस्था की गई। किसानों के हित में ऐसे कई दूसरे कदम उठाए गए।’’

उन्होंने यह भी कहा कि सरकार की तरफ से किसानों के लिए ‘खालिस्तानी’ या ‘अर्बन नक्सल’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया गया और आंदोलन से निकली भाजपा किसानों के आंदोलन का पूरा सम्मान करती है।

नकवी ने कहा, ‘‘कुछ असामाजिक और राष्ट्र विरोधी तत्व इस आंदोलन में शामिल हो गए हैं, किसानों से इनका कोई लेनादेना नहीं है।’’

उल्लेखनीय है कि दिल्ली के निकट बड़ी संख्या में किसान पिछले कई दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं। सरकार और किसान संगठनों के बीच कई दौर की बातचीत बेनतीजा रही है। किसान संगठनों की मांग है कि तीनों कृषि कानूनों को वापस लिया जाए।

राहुल गांधी समेत कई विपक्षी नेता भी यही मांग कर रहे हैं। केजरीवाल ने बृहस्पतिवार को दिल्ली विधानसभा में इन कानूनों की प्रतियां भी फाड़ दी थीं।

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Web Title: Naqvi: 'beaten political players' trying to mislead farmers in desperation of defeat

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