मथुरा: कुछ समय पहले मथुरा के एक मंदिर में नमाज अदा करने वाले फैसल खान ने जमानत पर रिहा होने के बाद उन आरोपों का खंडन किया कि वह अपने कार्य से क्षेत्र में शांति और सद्भाव बिगाड़ना चाहता था।
बृहस्पतिवार को मथुरा जेल से रिहा होने के बाद खान ने कहा, ‘‘हम शांति और सद्भाव को बिगाड़ने के बारे में सोच भी नहीं सकते क्योंकि हमने हमेशा इसके लिए काम किया है।’’ इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 18 दिसंबर को फैसल को सशर्त जमानत दे दी थी, जिसमें अदालत ने अभियोजन पक्ष के साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ नहीं करने, मुकदमे में सहयोग करने और सोशल मीडिया पर ऐसी गतिविधियों की तस्वीरें नहीं डालने का निर्देश दिया था।
मथुरा के नंद बाबा मंदिर परिसर में नमाज अदा करने वाली एक वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर सामने आने के बाद पुलिस ने फैसल खान को गिरफ्तार किया था और तीन अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
मार्च 2020 में समाज में शांति व सद्भभाव स्थापित करने के लिए एक घटना सामने आया, जिसके तहत एक मुस्लिम शख्स ने अपने पड़ोस के एक मंदिर को बनवाने के लिए चंदा इकट्ठा किया। देश में किसी भी संकट के समय हर समुदाय के लोग साथ हो गए। ऐसे समय में क्या हिन्दू और क्या मुस्लिम सभी ने एक-दूसरे की मदद की।
ऐसा होना लाजिमी भी है क्योंकि हमारा देश हमेशा से भाई-चारे और एकता के लिए जाना जाता है। एनडीटीवी के मुताबिक, इस तरह का मामला गुजरात में सामने आया है, जहां एक मुस्लिम शख्स ने मंदिर निर्माण के लिए पैसे जमा कर भारत की विविधता में एकता की संस्कृति की मिसाल पेश की है।
(एजेंसी इनपुट)