सड़कों पर बिछायी गयी कीलें भाजपा के ‘राजनीतिक ताबूत’ की कीलें साबित होंगी : जयंत चौधरी

By भाषा | Updated: February 5, 2021 17:48 IST2021-02-05T17:48:36+5:302021-02-05T17:48:36+5:30

Nails laid on the roads will prove to be the nails of BJP's 'political coffin': Jayant Chaudhary | सड़कों पर बिछायी गयी कीलें भाजपा के ‘राजनीतिक ताबूत’ की कीलें साबित होंगी : जयंत चौधरी

सड़कों पर बिछायी गयी कीलें भाजपा के ‘राजनीतिक ताबूत’ की कीलें साबित होंगी : जयंत चौधरी

(आसिम कमाल)

नयी दिल्ली, पांच फरवरी राष्ट्रीय लोकदल के उपाध्यक्ष जयंत चौधरी ने शुक्रवार को कहा कि किसानों को नए कृषि कानूनों को निरस्त करने के सिवा कुछ भी मंजूर नहीं है और कृषकों के खिलाफ सरकार की कठोर रणनीति काम नहीं आएगी। उन्होंने कहा कि सड़कों पर बिछायी गयी कीलें भाजपा के ‘‘राजनीतिक ताबूत’’ की कीलें साबित होंगी।

पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कुछ किसान पंचायतों में हिस्सा ले चुके और केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ जोर-शोर से अभियान चला रहे चौधरी ने कहा कि सरकार को इन कानूनों को तुरंत वापस लेना चाहिए और किसानों की सहमति के बाद इसे तैयार करना चाहिए।

राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के उपाध्यक्ष ने पीटीआई-भाषा को दिए एक साक्षात्कार में आरोप लगाया कि देश के मौजूदा नेतृत्व को भावनाओं की परवाह नहीं है और वह दंगे, मौत या प्रदर्शन से व्याकुल नहीं होता क्योंकि वह अपने दायरे में सिमटा हुआ है।

पूर्व सांसद ने कहा, ‘‘यह अधिनायकवादी शासन है। वे जमीन पर मौजूद अपने राजनीतिक लोगों की भी नहीं सुनते हैं। अगर आप भाजपा के विधायक या सांसद से अनौपचारिक बातचीत करें तो पता चलेगा कि वे खुश नहीं है और वे भारत के लोगों के उठ खड़े होने को महसूस कर रहे हैं जिन्होंने (प्रधानमंत्री नरेंद्र) मोदी को वोट किया था।’’

चौधरी ने कहा कि वह किसानों के हर धरना स्थल पर गए हैं, किसानों की पंचायतों को संबोधित किया है और उन्हें लगता है कि पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों के किसानों के बीच एक भावनात्मक जुड़ाव बन गया है।

उन्होंने कहा, ‘‘वे एकजुट हो रहे हैं और मुझे नहीं लगता है कि वे जिस चीज (कानूनों को निरस्त करवाने) के लिए आए हैं उसके सिवा उन्हें कुछ और मंजूर होगा।’’

रालोद नेता ने कहा कि किसान अपने गांव छोड़कर आए हैं, उन्होंने कई कठिनाइयों का सामना किया है और करीब 150 किसानों की मौत हो गयी और वे सरकार का रुख कड़ा होने के बावजूद लौटना नहीं चाहते।

चौधरी ने कहा कि किसानों का रुख स्पष्ट है कि ये कानून उनके लिए नहीं बनाए गए हैं और वे इन्हें स्वीकार नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि कानून बनाना सरकार का विशेषाधिकार है लेकिन जनता की इच्छा सर्वोपरि होती है।

दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन स्थल के आसपास सड़कों पर कीलें लगाए जाने और अवरोधक मजबूत किए जाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘ये सड़कों पर कील नहीं लगाई गई हैं, ये भाजपा के राजनीतिक ताबूत में कील की तरह हैं। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘बहुत व्यथित करने वाली तस्वीरें दुनिया के सामने गयी है। ये वो लोग हैं जिन्होंने दिल्ली को गोरों से आजादी दिलायी, जो मुगलों के खिलाफ लड़े। जब भी दिल्ली में कोई संकट हुआ पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश के किसान ही सबसे पहले वहां पहुंचे। आज दिल्ली में किसान घाट (पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह का स्मारक), संसद और राजघाट है और आप इन किसानों को दिल्ली में प्रवेश करने से भी रोक रहे हैं।’’

सरकार द्वारा कृषि कानूनों को 18 महीने के लिए स्थगित किए जाने के प्रस्ताव पर चौधरी ने कहा कि इस प्रस्ताव पर प्रदर्शनकारी किसान संगठनों या खुद किसानों ने भी कोई रजामंदी नहीं दिखायी।

उन्होंने कहा कि किसान सवाल पूछ रहे हैं कि 18 महीने के लिए स्थगित क्यों किया जा रहा और संसद या सरकार के काम में उच्चतम न्यायालय को क्यों शामिल किया जा रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘सख्त रणनीति का इस्तेमाल चीन या अन्य देशों के साथ होना चाहिए जिनके साथ टकराव चल रहा है, भारत के नागरिकों से निपटने के लिए सख्त रणनीति का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए।’’

अपने पिता और रालोद अध्यक्ष अजित सिंह द्वारा भारतीय किसान यूनियन को समर्थन दिए जाने के बारे में पूछे जाने पर चौधरी ने कहा कि यह टिकैत बंधुओं (नरेश और राकेश टिकैत) के साथ गठबंधन नहीं है, किसानों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए समर्थन दिया गया है।

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Web Title: Nails laid on the roads will prove to be the nails of BJP's 'political coffin': Jayant Chaudhary

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