नयी दिल्ली, 18 सितंबर उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने महिलाओं के खिलाफ सभी प्रकार के भेदभाव को समाप्त करने का शनिवार को आह्वान किया और सभी से महिलाओं को आगे बढ़ाने और उन्हें अपनी पूरी क्षमता दिखाने के वास्ते एक सुरक्षित और अनुकूल वातावरण बनाने की दिशा में काम करने का आग्रह किया।
संसद भवन परिसर में ‘महाकवि’ सुब्रमण्यम भारती की 100वीं पुण्यतिथि के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय संस्कृति हमेशा महिलाओं को देवी के प्रतीक के रूप में सम्मानित करती है।
समानता के लिए कवि के दृष्टिकोण का हवाला देते हुए, उन्होंने जाति, धर्म, क्षेत्र, भाषा और लिंग के आधार पर समाज को विभाजित करने वाली सभी बाधाओं और भेदभावों को मिटाने की आवश्यकता पर बल दिया।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार भारती के शब्दों का हवाला देते हुए, ‘‘सबसे अच्छा समय आने वाला है’’, नायडू ने युवाओं से राष्ट्र निर्माण के लिए खुद को समर्पित करने और एक विकसित भारत - एक ऐसा भारत जो गरीबी, अशिक्षा, भूख और भेदभाव से मुक्त हो, बनाने के लिए कहा।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे विश्वास है कि हमारे युवा अपनी जबरदस्त ऊर्जा और उत्साह के साथ भारत की प्रगति और तेजी से विकास को शक्ति प्रदान कर सकते हैं।
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