नयी दिल्ली, 12 अगस्त उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू तथा लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने हाल में संपन्न हुए संसद के मॉनसून सत्र में कुछ सांसदों के व्यवहार पर बृहस्पतिवार को चिंता जताई और कहा कि ऐसी गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए।
मॉनसून सत्र की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित होने के एक दिन बाद बिरला ने आज शाम नायडू से मुलाकात की और दोनों ने सत्र के दौरान ‘संसद में दुर्भाग्यपूर्ण घटनाक्रम’ की समीक्षा की।
उपराष्ट्रपति सचिवालय ने ट्वीट किया कि दोनों ने कुछ सांसदों के कामकाज में बाधा डालने वाले बर्ताव पर गहन चिंता प्रकट की। इसमें कहा गया, ‘‘उनका पुरजोर मानना है कि ऐसे अशांतिपूर्ण व्यवहार को बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए और उचित कार्रवाई की जानी चाहिए।’’
इससे पहले संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी, राज्यसभा में नेता सदन पीयूष गोयल और मुख्तार अब्बास नकवी ने यहां नायडू से उनके सरकारी आवास पर मुलाकात की।
उन्होंने कुछ सदस्यों के खराब व्यवहार के लिए उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
नायडू ने सदन में अप्रिय स्थिति बनने पर बुधवार को रुंधे गले से विपक्ष के कुछ सदस्यों के कृत्य की तुलना लोकतंत्र के मंदिर को अपवित्र किये जाने से की।
सूत्रों ने कहा कि राज्यसभा के सभापति और लोकसभा अध्यक्ष दोनों को लगता है कि इन घटनाओं ने देश की सर्वोच्च पंचायत की गरिमा और सम्मान को धब्बा लगा है।
उन्होंने कहा कि दोनों ने अतीत में हुए इस तरह के घटनाक्रमों और उनमें हुई कार्रवाइयों का विस्तृत अध्ययन करने का फैसला किया है ताकि भविष्य में ऐसे मामलों में कार्रवाई तय की जा सके।
सूत्रों के अनुसार नायडू और बिरला ने कुछ सदस्यों के हंगामे की वजह से बड़ी संख्या में सांसदों को जन हित के मुद्दे उठाने का अवसर नहीं मिलने का भी संज्ञान लिया।
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