नागालैण्ड हिंसा पर संसद में बोले अमित शाह- गाड़ी को रुकने का इशारा किया गया था पर उसने भागने की कोशिश की
By विशाल कुमार | Published: December 6, 2021 03:43 PM2021-12-06T15:43:35+5:302021-12-06T16:37:36+5:30
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा में कहा कि सुरक्षाबलों को आतंकी गतिविधियों की सूचना मिली थी और गाड़ी को रुकने का इशारा किया गया था लेकिन उसने भागने की कोशिश की थी जिसके बाद गोलीबारी की गई.
नई दिल्ली: नागालैण्ड में सुरक्षाबलों की गोलीबारी में 13 निर्दोष नागरिकों के मारे जाने पर संसद के दोनों सदनों में विपक्ष की चर्चा की मांग के बाद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा में बयान दिया है। उन्होंने कहा कि सुरक्षाबलों को आतंकी गतिविधियों की सूचना मिली थी और गाड़ी को रुकने का इशारा किया गया था लेकिन उसने भागने की कोशिश की थी जिसके बाद गोलीबारी की गई।
लोकसभा में दिए बयान में शाह ने कहा कि सेना को ओटिंग, मोन में आतंकी गतिविधि की सूचना मिली थी। इसी आधार पर 21वीं पैरा कमांडो ने संदिग्ध इलाके में घात लगाकर हमला किया। एक वाहन वहां पहुंचा, उसे रुकने का इशारा किया लेकिन उसने भागने की कोशिश की। आतंकियों को ले जाने वाला वाहन होने के संदेह पर, उस पर गोलीबारी की गई।
उन्होंने कहा कि वाहन में सवार 8 लोगों में से 6 की मौत हो गई। बाद में पता चला कि यह गलत पहचान का मामला है। घायल हुए 2 अन्य लोगों को सेना द्वारा निकटतम स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया। इसकी खबर मिलते ही स्थानीय ग्रामीणों ने आर्मी यूनिट को घेर लिया, 2 वाहनों में आग लगा दी और उन पर हमला कर दिया।
6 out of the 8 people in vehicle died. It was later found to be a case of mistaken identity. 2 others who were injured were taken to nearest health centre by Army. After receiving news of this, local villagers surrounded the Army unit, set 2 vehicles on fire & attacked them: HM pic.twitter.com/ClNJBD2ZPM
— ANI (@ANI) December 6, 2021
शाह ने कहा कि परिणामस्वरूप, सुरक्षा बलों का एक जवान शहीद हो गया; कई अन्य जवान घायल सुरक्षा बलों को आत्मरक्षा के लिए और भीड़ को तितर-बितर करने के लिए फायरिंग का सहारा लेना पड़ा। इससे 7 और नागरिकों की मौत हो गई, कुछ अन्य घायल हो गए। स्थानीय प्रशासन-पुलिस ने स्थिति सामान्य करने की कोशिश की।
उन्होंने कहा कि मौजूदा स्थिति तनावपूर्ण लेकिन नियंत्रण में है। 5 दिसंबर को नागालैंड के डीजीपी और कमिश्नर ने घटनास्थल का दौरा किया। प्राथमिकी दर्ज कर गंभीरता को ध्यान में रखते हुए राज्य अपराध पुलिस थाने को सौंप दी गई है। एसआईटी गठित कर दी गई है और एक माह के अंदर जांच पूरी करने का निर्देश दिया गया है।
गृहमंत्री ने कहा कि घटना के बाद, 5 दिसंबर की शाम, लगभग 250 लोगों की उत्तेजित भीड़ ने मोन शहर में असम राइफल्स के कंपनी ऑपरेटिंग बेस (कॉब) में तोड़फोड़ की और कॉब बिल्डिंग में आग लगा दी। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए असम राइफल्स को गोलियां चलानी पड़ीं। इससे एक और नागरिक की मौत हो गई।
उन्होंने कहा कि प्रभावित क्षेत्र में किसी और घटना को टालने के लिए अतिरिक्त बलों को तैनात किया गया है। सेना के तृतीय कोर मुख्यालय द्वारा एक प्रेस बयान जारी किया गया है जहां निर्दोष नागरिकों की दुर्भाग्यपूर्ण मौत की घटना पर खेद व्यक्त किया गया है।
शाह ने कहा कि सेना ने इस घटना के कारणों की उच्चतम स्तर पर जांच शुरू कर दी है, कानून के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी। घटना की खबर मिलते ही मैंने तुरंत राज्य के राज्यपाल और सीएम से संपर्क किया। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मुख्य सचिव और डीजीपी से भी संपर्क किया है।
उन्होंने कहा कि कल स्थिति पर नजर रखी गई थी। गृह मंत्रालय ने तत्काल पूर्वोत्तर के प्रभारी अतिरिक्त सचिव को कोहिमा भेजा जहां उन्होंने आज मुख्य सचिव, अन्य वरिष्ठ अधिकारियों और अर्धसैनिक बलों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। स्थिति की विस्तार से समीक्षा की गई।
गृहमंत्री ने कहा कि यह निर्णय लिया गया है कि सभी एजेंसियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इस तरह के अभियान चलाते समय भविष्य में इस तरह की दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं दोबारा न हों। सरकार घटना की बारीकी से निगरानी कर रही है और क्षेत्र में शांति सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक उपाय किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि भारत सरकार नागालैंड की दुर्भाग्यपूर्ण घटना पर गहरा खेद व्यक्त करती है और शोक संतप्त परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करती है।