नड्डा ने अपनी नयी टीम के राज्य प्रभारियों के साथ की पहली बैठक

By भाषा | Published: November 19, 2020 09:56 PM2020-11-19T21:56:30+5:302020-11-19T21:56:30+5:30

Nadda's first meeting with state in-charge of his new team | नड्डा ने अपनी नयी टीम के राज्य प्रभारियों के साथ की पहली बैठक

नड्डा ने अपनी नयी टीम के राज्य प्रभारियों के साथ की पहली बैठक

नयी दिल्ली, 19 नवंबर भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने बृहस्पतिवार को अपनी नयी टीम में बनाए गए राज्यों के प्रभारियों के साथ पहली बैठक की और उन्हें अपने-अपने क्षेत्रों का व्यापक दौरा करने और संगठनात्मक गतिविधियों को लगातार जारी रखने को कहा।

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, नड्डा ने यूं तो सभी राज्यों के प्रभारियों को अपने-अपने जिम्मे वाले राज्यों में अधिक से अधिक सक्रिय रहने को कहा लेकिन ज्यादा जोर उन राज्यों के प्रभारियों पर रहा जहां अगले साल विधानसभा के चुनाव होने हैं। ऐसे प्रभारियों को उन्होंने विशेष जोश के साथ काम करने की सलाह दी।

भाजपा में महासचिवों, उपाध्यक्षों और सचिवों को विभिन्न राज्यों का जिम्मा दिया जाता है। पार्टी की भाषा में उसे प्रभारी कहते हैं। प्रभारियों का मुख्य काम राज्यों के नेताओं और केंद्रीय नेतृत्व के बीच एक कड़ी की भूमिका निभाना होता है। राजनीतिक निर्णयों में उनके सुझाव अहम होते हैं।

वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से हुई यह बैठक ऐसे समय में हुई है जब अगले साल पश्चिम बंगाल, केरल, असम, तमिलनाडु, और पुडुचेरी में विधानसभा चुनाव होने हैं।

बैठक के दौरान भाजपा के संगठन महामंत्री बी एल संतोष ने प्रभारियों को उनकी भूमिका और भावी कार्ययोजना को लेकर एक प्रस्तुति भी दी।

नड्डा ने पिछले सप्ताह पार्टी के केंद्रीय पदाधिकारियों को राज्यों और संघशासित प्रदेशों का प्रभार सौंपा था।

फिलहाल भाजपा पश्चिम बंगाल में सत्ता पाने की कोशिशों में जुटी हुई है, जहां उसने अभी तक सत्ता का स्वाद नहीं चखा है। पिछले लोकसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन के बाद पार्टी वहां एक मजबूत ताकत के रूप में उभरी है। असम में भाजपा सत्ता में है और वहां उसके सामने सत्ता बचाए रखने की चुनौती है।

तमिलनाडु में भी अगले साल विधानसभा चुनाव हैं। वहां की राजनीति में क्षेत्रीय दलों का वर्चस्व रहा है। द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (द्रमुक) और ऑल इंडिया द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (अन्नाद्रमुक) के इर्दगिर्द ही प्रदेश की राजनीति का पहिया घूमता रहा है। दोनों ही दल बारी-बारी से प्रदेश के साथ-साथ केंद्र की राजनीति में अहम भूमिका निभाते रहे हैं। फिलहाल, अन्नाद्रमुक का राज्य की सत्ता पर कब्जा है।

भाजपा दक्षिण भारत के इस राज्य में अभी तक कोई खास प्रभाव नहीं छोड़ पाई है।

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Web Title: Nadda's first meeting with state in-charge of his new team

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