Apps पर रोक की ऐलान के कुछ मिनटों बाद ही TikTok पर MyGov अकाउंट हुआ डिसेबल, 1 मिलियन से ज्यादा थे फॉलोअर
By स्वाति सिंह | Updated: June 29, 2020 22:25 IST2020-06-29T22:25:25+5:302020-06-29T22:25:25+5:30
भारत-चीन सीमा पर चल रही तनातनी के बीच मोदी सरकार ने लोकप्रिय चीनी ऐप टिकटॉक समेत 59 चीनी ऐप पर प्रतिबंध लगा दिया है। सरकार द्वारा प्रबंध लगाए इन ऐप से निजता की सुरक्षा का मामला माना जा रहा है।

गृह मंत्रालय के तहत आने वाले भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र ने इन दुर्भावनापूर्ण एप्स पर व्यापक प्रतिबंध लगाने की सिफारिश भी की थी।
नई दिल्ली: सरकार ने अलग अलग तरीके के 59 मोबाइल एप को देश की संप्रभुता, अखंडता और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए पूर्वाग्रह रखने वाला बताते हुए उन पर प्रतिबंध लगा दिया, जिसमें चीन के एप टिकटॉक, शेयरइट और वीचैट जैसे एप भी शामिल हैं। इसके साथ ही मोदी सरकार के इन ऐप्स पर रोक लगाने के ऐलान के कुछ मिनटों बाद ही TikTok पर MyGov का जो अकाउंट था, उसे भी डिसेबल कर दिया गया। ऐसा तब किया गया, जब उस अकाउंट पर लगभग 1.1 मिलियन फॉलोअर थे।
आईटी मंत्रालय ने सोमवार को जारी एक आधिकारिक बयान में कहा कि उसे विभिन्न स्रोतों से कई शिकायतें मिली हैं, जिनमें एंड्रॉइड और आईओएस प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कुछ मोबाइल ऐप के दुरुपयोग के बारे में कई रिपोर्ट शामिल हैं।
इन रिपोर्ट में कहा गया है कि ये एप ‘‘उपयोगकर्ताओं के डेटा को चुराकर, उन्हें भारत के बाहर स्थित सर्वर को अनधिकृत तरीके से भेजते हैं।’’ बयान में कहा गया, ‘‘भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति शत्रुता रखने वाले तत्वों द्वारा इन आंकड़ों का संकलन, इसकी जांच-पड़ताल और प्रोफाइलिंग, आखिरकार भारत की संप्रभुता और अखंडता पर आधात है, यह बहुत अधिक चिंता का विषय है, जिसके लिए आपातकालीन उपायों की जरूरत है।’’
गृह मंत्रालय के तहत आने वाले भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र ने इन दुर्भावनापूर्ण एप्स पर व्यापक प्रतिबंध लगाने की सिफारिश भी की थी। बयान में कहा गया है, ‘‘इनके आधार पर और हाल ही में विश्वसनीय सूचनाएं मिलने पर कि ऐसे ऐप भारत की संप्रभुता और अखंडता के लिए खतरा हैं, भारत सरकार ने मोबाइल और गैर-मोबाइल इंटरनेट सक्षम उपकरणों में उपयोग किए जाने वाले कुछ एप के इस्तेमाल को बंद करने का निर्णय लिया है।’’ बयान में कहा गया है कि यह कदम ‘‘करोड़ों भारतीय मोबाइल और इंटरनेट उपयोगकर्ताओं के हितों की रक्षा करेगा। यह निर्णय भारतीय साइबरस्पेस की सुरक्षा और संप्रभुता सुनिश्चित करने की दिशा में एक कदम है।’’
