अस्पताल में मोतियाबिंद का ऑपरेशन, 26 लोगों की आंख की रोशनी गई, हड़कंप, कई मरीजों का आंख निकालना पड़ा
By एस पी सिन्हा | Updated: November 30, 2021 16:57 IST2021-11-30T16:55:54+5:302021-11-30T16:57:01+5:30
ट्रस्ट से संचालित मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल में 22 नवंबर को 60 मरीजों का मोतियाबिंद का मुफ्त ऑपरेशन हुआ था.

पटना के निदेशक डॉ.सत्यप्रकाश तिवारी ने बताया कि मुजफ्फपुर से 15 मरीज यहां आए थे. सबकी स्थिति काफी बिगड़ी हुई थी.
पटनाः बिहार के मुजफ्फरपुर में आंख के अस्पताल में मोतियाबिंद का ऑपरेशन कराने वाले लोगों में से 26 लोगों की आंखों की रोशनी चले जाने का मामला सामने आया है. इसमें से कई मरीजों का आंख निकालना पड़ा है.
राज्य में अपने तरह के आये इसतरह अजीब मामले के बाद मुफ्त में ऑपरेशन कराने वाले मरीज और उनके परिजनों का हाल बेहाल है. वहीं, घटना से स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मचा है. उधर, इतनी बड़ी संख्या में लोगों की आंख की रोशनी चले जाने की जानकारी मिलने के बाद मुजफ्फरपुर के जिलाधिकारी प्रणव कुमार भी एक्शन में आ गए हैं.
प्रणव कुमार ने कहा कि सिविल सर्जन को इस पूरे मामले में जल्द जांच रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है. जांच रिपोर्ट आने के बाद दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई किया जाएगा. बताया जाता है कि एक ट्रस्ट से संचालित मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल में 22 नवंबर को 60 मरीजों का मोतियाबिंद का मुफ्त ऑपरेशन हुआ था.
अगले दिन पट्टी खुलने के बाद उन्हें कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था. सोमवार को सिविल सर्जन तक शिकायत पहुंची तो मामला उजागर हुआ कि सर्जरी के बाद 26 लोगों की आंख की रोशनी जा चुकी है. गंभीर संक्रमण के शिकार 15 मरीजों को पटना भेजा गया है. वहीं, कई मरीजों का आंख निकालना पड़ा है.
उधर, सिविल सर्जन डॉ विनय कुमार शर्मा के मुताबिक उनकी तरफ से तीन लोगों की टीम का गठन कर दिया गया है. यही टीम मामले की जांच कर रही है. आधा दर्जन मरीजों को एसकेएमसीएच में रेफर कराकर इलाज शुरू कराया गया है. कई मरीजों का पटना में इलाज चल रहा है. जबकि आई हॉस्पिटल में भी अभी चार-पांच मरीज इलाजरत हैं.
वहीं, आंखों की रोशनी जाने से पीडितों के परिजनों में आक्रोश है. सबने सिविल सर्जन से मुआवजा की मांग की है. उधर, दृष्टिपुंज अस्पताल, पटना के निदेशक डॉ.सत्यप्रकाश तिवारी ने बताया कि मुजफ्फपुर से 15 मरीज यहां आए थे. सबकी स्थिति काफी बिगड़ी हुई थी.
बावजूद इसके कुछ का ऑपरेशन किया गया और कुछ को दवा व इंजेक्शन दिया गया. दोबारा उन्हें बुलाया गया था, लेकिन सोमवार तक वे यहां नहीं आए. ऐसे में यह कहना मुश्किल है कि उनकी आंख की रोशनी लौटेगी या नहीं?