Muslim World League: भारत में विचार की विविधता ने प्रभावित किया, शांतिपूर्ण सह अस्तित्व कहीं भी देखने को नहीं मिला, अल-इस्सा ने कहा- दिलों को जीतने वाली प्रेम, मानवता और सह अस्तित्व
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: July 13, 2023 13:56 IST2023-07-13T13:54:51+5:302023-07-13T13:56:11+5:30
Muslim World League: विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन में अल-इस्सा ने गलत धारणाओं से निपटने के लिए अंतर-धार्मिक संवाद के महत्व पर जोर दिया और कहा कि सभ्यताओं के संघर्ष को रोकने के लिए अगली पीढ़ी का बचपन के दिनों से ही संरक्षण और मार्गदर्शन करने की जरूरत है।

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Muslim World League: मुस्लिम वर्ल्ड लीग महासचिव शेख मोहम्मद बिन अब्दुलकरीम अल-इस्सा ने कहा कि भारत में विचार की विविधता ने उन्हें काफी प्रभावित किया और उन्होंने ऐसा शांतिपूर्ण सह अस्तित्व कहीं नहीं देखा, जैसा कि उन्हें इस देश में देखने को मिला है।
यहां विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन में एक सभा को संबोधित करते हुए अल-इस्सा ने गलत धारणाओं से निपटने के लिए अंतर-धार्मिक संवाद के महत्व पर जोर दिया और कहा कि सभ्यताओं के संघर्ष को रोकने के लिए अगली पीढ़ी का बचपन के दिनों से ही संरक्षण और मार्गदर्शन करने की जरूरत है।
भारत की यात्रा पर आये अल-इस्सा ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की। अल-इस्सा ने अरबी में कहा कि भारतीय दर्शन मानव की प्रगति में सहायक है। उन्होंने कहा, ‘‘भारत में विचार की विविधता ने मुझे काफी प्रभावित किया है...विश्व भारत के ज्ञान से लाभान्वित हो सकता है।’’
विश्व भर में शांतिपूर्ण सह अस्तित्व को बढ़ावा देने के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि एकजुट रहने की जरूरत है। अल-इस्सा ने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि हम एक ही पेड़ की अलग-अलग शाखाएं हैं। हमारा धर्म मानवता है। फैलाई जा रही अलग धारणा के लिए हमें एक उपाय ढूंढने की जरूरत है।’’
उन्होंने कहा कि एक समस्या यह है कि कुछ संगठन दावा कर रहे हैं कि ‘‘यदि किसी ने विश्व पर शासन किया है तो वह हम हैं।’’ उन्होंने कहा कि यह रुख गलत है। उन्होंने कहा, ‘‘जब मैंने यहां धर्म गुरुओं से बातचीत की, तब उन्होंने भाईचारा, वार्ता, सहयोग और शांतिपूर्ण सहयोग के बारे में बातें कीं।
इस देश में मैंने सभ्यताओं और संस्कृतियों का जैसा शांतिपूर्ण सहअस्तित्व देखा, वैसा कहीं नहीं देखा है।’’ अल-इस्सा ने कहा, ‘‘क्रूर शक्तियां सभ्यागत सर्वोच्चता की ओर नहीं ले जाती है। बल्कि यह दिलों को जीतने वाली प्रेम, मानवता और सह अस्तित्व है।’’