कर्नाटक के उत्तरी क्षेत्र में आने वाले गडग जिले से एक चौंका देने वाली खबर प्रकाश में आई है। यहां स्थित लिंगायत मठ में एक मुस्लिम युवक को मठ का मुख्य पुजारी बनाया जाएगा। अगर ऐसा होता है तो यहां सदियों से चली आ रही परंपरा टूटेगी और धार्मिक सद्भाव को भी नई दिशा मिलेगी।
लिंगायत मठ ने मुस्लिम युवक दीवान शरीफ रहमानसाब मुल्ला को अपना पुरोहित (पुजारी) बनाने का फैसला किया है। शरीफ को आसुति गांव में स्थित मुरुगराजेंद्र कोरानेश्वरा शांतिधाम मठ का पुजारी बनाया जाएगा। खजूरी मठ के पुजारी मुरुगराजेंद्र कोरानेश्वर शिवयोगी ने कहा कि हम अनुयायियों को जाति और धर्म से हटकर गले लगाते हैं। उन्होंने कहा कि बसवन्ना ने सामाजिक न्याय और सद्भावना को प्रमुखता दी है। इस मठ के दरवाजे सभी के लिए खुले हैं। उन्होंने कहा कि मठ से जुड़े लोगों ने दीवान शरीफ को पुजारी बनाने का समर्थन किया है।
33 वर्षीय दीवान शरीफ रहमानसाब मुल्ला 26 फरवरी को लिंगायत मठ के पुजारी के पद की शपथ लेंगे। यह मठ कलबुर्गी के खजुरी गांव के 350 साल पुराने कोरानेश्वर संस्थान मठ से जुड़ा है। कई साल पहले शरीफ के पिता ने इस मठ के नाम दो एकड़ जमीन दान की थी।
मठ का पुजारी नियुक्त किए जाने पर दीवान शरीफ रहमानसाब मुल्ला ने कहा कि बचपन से ही वह 12वीं सदी के सुधारक बसवन्ना की शिक्षाओं से प्रभावित रहे हैं। वह सामाजिक न्याय और सद्भावना के साथ उनके आदर्शों पर हमेशा काम करते रहेंगे।