दिल्ली घराना के संगीतकार उस्ताद इकबाल अहमद खान नहीं रहे
By भाषा | Updated: December 17, 2020 21:45 IST2020-12-17T20:53:06+5:302020-12-17T21:45:12+5:30
आज सुबह प्रार्थना के दौरान उन्हें हृदयाघात हुआ जिसके बाद हम उन्हें पास में दरियागंज के एक अस्पताल में ले गए। उन्हें वहां मृत घोषित कर दिया गया। डॉक्टर ने कहा कि उन्हें हृदयाघात हुआ था।

दिल्ली घराने के खलीफा उस्ताद इकबाल अहमद खान अब नहीं रहे। (file photo)
नई दिल्लीः दिल्ली घराना के गायक उस्ताद इकबाल अहमद खान का बृहस्पतिवार सुबह हृदयाघात के बाद निधन हो गया। वह 66 वर्ष के थे। उनके परिवार को एक सदस्य ने यह जानकारी दी।
उनके दामाद इमरान खान ने पीटीआई-भाषा को बताया,“आज सुबह प्रार्थना के दौरान उन्हें हृदयाघात हुआ जिसके बाद हम उन्हें पास में दरियागंज के एक अस्पताल में ले गए। उन्हें वहां मृत घोषित कर दिया गया। डॉक्टर ने कहा कि उन्हें हृदयाघात हुआ था।”
दिल्ली घराने के संरक्षक उस्ताद इकबाल अहमद खान को भारतीय शास्त्रीय संगीत की विभिन्न शैलियों ‘ठुमरी’, ‘दादरा’,‘भजन’ और ‘गजलों’ में बहुमुखी प्रतिभा के लिए जाना जाता था।
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने ट्विटर पर गायक की मौत पर शोक जताया।
कलाकार की एक तस्वीर पोस्ट करते हुए उन्होंने लिखा, “दिल्ली घराने के खलीफा उस्ताद इकबाल अहमद खान अब नहीं रहे। दिल्ली के समृद्ध संगीत इतिहास के अग्रदूत और एक उदार गुरु के रुप में आप बहुत याद आएंगे। उनके शिष्यों और परिवार के प्रति संवेदना।”
सरोद वादक अमजद अली खान ने भी संवेदना व्यक्त करते हुए ट्वीट किया,‘‘दिल्ली घराने के जाने-माने गायक उस्ताद इकबाल अहमद खान के निधन के बारे में जानकर बहुत दुख हुआ। उनकी विरासत अपने संगीत के माध्यम से हमेशा जीवित रहेगी। उनकी आत्मा को शांति मिले।
बॉलीवुड गायक और संगीतकार विशाल ददलानी ने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट पर इकबाल अहमद खान से अपनी बातचीत साझा करते हुए लिखा,‘‘दिल्ली घराने के प्रमुख उस्ताद इकबाल अहमद खान साहब के निधन से स्तब्ध और दुखी हूं। मैंने इंडियन आइडल 2020 के दौरान उनके साथ बातचीत की थी और वह संगीत और सभी संगीतकारों के बारे में बहुत सहानुभूति रखते थे। मैंने आशा की थी कि महामारी खत्म होने के बाद मैं जाकर उनसे मिलूंगा।”
इकबाल अहमद खान ने प्रियदर्शनी पुरस्कार (2001) और राजीव रतन सद्भावना सम्मान (2003) सहित कई सम्मान अर्जित किए थे।
इमरान ने कहा, 'उनका अंतिम संस्कार बृहस्पतिवार शाम को निजामुद्दीन दरगाह के पास दिल्ली घराने के पैतृक कब्रिस्तान में किया गया।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।