हत्या मामला : गुरमीत राम रहीम की सजा पर फैसला 18 अक्टूबर तक स्थगित

By भाषा | Updated: October 12, 2021 20:42 IST2021-10-12T20:42:54+5:302021-10-12T20:42:54+5:30

Murder Case: Decision on Gurmeet Ram Rahim's sentence postponed till October 18 | हत्या मामला : गुरमीत राम रहीम की सजा पर फैसला 18 अक्टूबर तक स्थगित

हत्या मामला : गुरमीत राम रहीम की सजा पर फैसला 18 अक्टूबर तक स्थगित

चंडीगढ़, 12 अक्टूबर पंचकूला में सीबीआई की एक विशेष अदालत ने हत्या के एक मामले में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह और चार अन्य की सजा पर फैसला 18 अक्टूबर के लिए टाल दिया है।

सीबीआई के वकील के अनुसार, राम रहीम सिंह ने डेरा द्वारा किए गए जनकल्याण कार्यों का हवाला देते हुए नरमी बरतने का अनुरोध किया है। बहरहाल, सीबीआई ने इसका विरोध किया और आईपीसी की धारा 302 के तहत ‘‘अधिकतम सजा’’ देने की मांग की।

विशेष अदालत ने डेरा प्रबंधक रंजीत सिंह की हत्या के मामले में शुक्रवार को सभी को दोषी ठहराया था। अन्य दोषी कृष्ण लाल, जसबीर सिंह, अवतार सिंह और सबदिल हैं। सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त के बीच अदालत में सुनवाई शुरू हुई थी। सबसे पहले दोषियों के बयान दर्ज किए गए।

सीबीआई के विशेष लोक अभियोजक एच पी एस वर्मा ने पंचकूला में अदालत के बाहर पत्रकारों को बताया, ‘‘ कुछ अन्य दोषियों के वकील ने वक्त मांगते हुए कहा कि वे अभियोजन पक्ष द्वारा रखी कुछ बातों पर गौर करना चाहते हैं। उनके अनुरोध पर अदालत ने सजा पर फैसला 18 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दिया।’’

वर्मा ने बताया कि डेरा प्रमुख ने नरमी बरते जाने का आग्रह किया और अपना लिखित बयान भी भेजा जिसमें उन्होंने डेरा के रक्त दान शिविर, नेत्र जांच शिविर, पौधारोपण अभियान और प्राकृतिक आपदाओं के दौरान विभिन्न स्थानों पर की गयी मदद जैसे सामाजिक कार्यों का जिक्र किया। डेरा प्रमुख ने रक्त चाप, आंख और किडनी की बीमारियों समेत अपनी स्वास्थ्य समस्याओं का भी हवाला दिया।

हालांकि, सीबीआई ने किसी तरह की नरमी बरते जाने का विरोध किया और उच्चतम न्यायालय के कुछ फैसलों का हवाला दिया और उस आधार पर अधिकतम सजा दिए जाने की मांग की।

यह पूछे जाने पर कि क्या सीबीआई ने मौत की सजा की मांग की है, इस पर वर्मा ने कहा, ‘‘हमने आईपीसी की धारा 302 के तहत अधिकतम सजा दिए जाने की मांग की है।’’

एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि धारा 302 के तहत न्यूनतम सजा उम्रकैद और अधिकतम सजा मौत की सजा है। राम रहीम की भाव भंगिमा के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘मैं यह कह सकता हूं कि वह जेल में बैठा हुआ था। उसे एक कुर्सी दी गयी और वह उस पर बैठा हुआ था, बस यही मैं बता सकता हूं।’’

पंचकूला में आपराधिक दंड संहिता की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू की गयी थी। पुलिस ने मंगलवार को अदालत द्वारा सजा सुनाए जाने की संभावना के मद्देनजर पंचकूला और सिरसा में भी सुरक्षा कड़ी कर दी जहां डेरा सच्चा सौदा का मुख्यालय है।

डेरा प्रमुख वीडियो कांफ्रेंस के जरिए अदालत में पेश हुआ जबकि अन्य चार दोषी अदालत में मौजूद रहे। सिंह दो अनुयायियों के साथ बलात्कार के मामले में 2017 में दोषी ठहराए जाने के बाद से रोहतक की सुनारिया जेल में बंद हैं।

हत्या मामले में एक और आरोपी की एक साल पहले मौत हो गयी थी। पूर्व डेरा प्रबंधक रंजीत सिंह की 2002 में गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी। एक अज्ञात पत्र प्रसारित करने में संदिग्ध भूमिका के चलते उसकी हत्या की गयी थी। इस पत्र में बताया गया था कि डेरा प्रमुख डेरा मुख्यालय में किस प्रकार महिलाओं का यौन शोषण करता है।

सीबीआई के आरोपपत्र के अनुसार, डेरा प्रमुख का मानना था कि इस अज्ञात पत्र को प्रसारित करने के पीछे रंजीत सिंह था और उसने उसकी हत्या की साजिश रची। गुरमीत राम रहीम को 2017 में दो अनुयायियों के साथ दुष्कर्म के जुर्म में 20 साल जेल की सजा सुनायी गयी।

दो साल पहले डेरा प्रमुख को एक पत्रकार राम चंदर छत्रपति की हत्या के जुर्म में भी उम्रकैद की सजा सुनायी गयी थी।

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Web Title: Murder Case: Decision on Gurmeet Ram Rahim's sentence postponed till October 18

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