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गुर्दा प्रत्यारोपण कराने के बहाने मुंबई के सर्जन से 10 लाख रुपये की ठगी, दो गिरफ्तार

By भाषा | Updated: October 27, 2021 19:31 IST

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नयी दिल्ली, 27 अक्टूबर दिल्ली के एक प्रमुख अस्पताल में गुर्दा प्रत्यारोपण कराने के बहाने मुंबई के एक सर्जन से कथित तौर पर 10 लाख रुपये ठगने के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी।

उत्तर प्रदेश के रहने वाले विपिन कुमार (21) और रोहित कुमार यादव (27) को 19 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया।

पुलिस ने कहा कि दोनों लोगों ने पहले राष्ट्रीय राजधानी के अस्पतालों में इलाज कराने के बहाने महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और हरियाणा के कई अन्य लोगों को भी ठगा था।

उन्होंने कहा कि उनके फोन रिकॉर्ड और चैट के अनुसार, उन्होंने लगभग पांच लोगों के साथ धोखाधड़ी की है और वे 50 से अधिक लोगों के संपर्क में थे।

मुंबई के सर्जन दोनों गुर्दों की जन्मजात बीमारी से पीड़ित हैं, जिसके लिए एक गुर्दा रोग विशेषज्ञ (नेफ्रोलॉजिस्ट) ने उन्हें गुर्दा प्रत्यारोपण की सलाह दी थी। पुलिस ने कहा कि दोनों ने दक्षिणी दिल्ली के एक प्रमुख अस्पताल में गुर्दा प्रत्यारोपण कराने के बहाने सर्जन से 10 लाख रुपये ठगे।

संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) आलोक कुमार ने कहा कि सर्जन ने दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा से संपर्क किया और शिकायत दर्ज कराई।

शिकायत के अनुसार, एक विज्ञापन के माध्यम से सर्जन विपिन कुमार के संपर्क में आया, जिसने अपना परिचय करण के रूप में दिया। अगस्त में दोनों की मुलाकात हुई और सर्जरी के लिए 22 लाख रुपये की राशि तय की गई। आरोपी ने दिल्ली में गुर्दा प्रत्यारोपण कराने के लिए छह लाख रुपये अग्रिम के रूप में मांगे और बातचीत के बाद सर्जन ने उसे साढ़े तीन लाख रुपये दिए।

शिकायत के अनुसार आरोपी ने सर्जन को सूचित किया कि उनकी सर्जरी 17 अक्टूबर को एक प्रमुख अस्पताल में तय की गई है। सितंबर और अक्टूबर में विपिन कुमार ने अस्पताल में उसका इलाज कराने के लिए सर्जन से छह लाख रुपये और ले लिए।

अधिकारी ने कहा, ‘‘सर्जरी से एक दिन पहले, उसने डॉ राजीव को दक्षिण दिल्ली के एक प्रमुख अस्पताल के बाहर बुलाया और प्रक्रिया शुरू करने के लिए डॉक्टर को भुगतान करने के बहाने पांच लाख रुपये की मांग की। सर्जन ने करण को और पांच लाख रुपये दिए।’’

उन्होंने कहा कि जब सर्जन अस्पताल पहुंचे तो पता चला कि उनके नाम से कोई बुकिंग नहीं थी और आरोपी का फोन स्विच ऑफ था। उन्होंने कहा, ‘‘जांच के दौरान, पुलिस टीम को पता चला कि करण का असली नाम विपिन है। विपिन कुमार को अपराध शाखा ने 19 अक्टूबर को कानपुर से पकड़ा। इसके बाद उसके सहयोगी को उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ से पकड़ा गया।’’

संगम विहार में एकाउंटेंट के रूप में काम करने वाले विपिन कुमार की कोविड महामारी के कारण नौकरी चली गई थी।

अधिकारी ने कहा कि विपिन और यादव ने फेसबुक पर एक फर्जी प्रोफाइल बनाया था, जहां उन्होंने गुर्दे से संबंधित मुद्दों के बारे में विज्ञापन पोस्ट किए थे।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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