Mumbai-Howrah Train Accident live: 13 दिन और 7 रेल दुर्घटना!, रेल के डिब्बे आज चलते फिरते ताबूत बने, राजद प्रमुख लालू यादव और बेटी रोहिणी आचार्या ने हमला बोला
By एस पी सिन्हा | Updated: July 30, 2024 15:40 IST2024-07-30T15:39:44+5:302024-07-30T15:40:49+5:30
Mumbai-Howrah Train Accident live: भारतीय रेलवे इतनी असुरक्षित हो चुकी है कि ट्रेनों पर चढ़ने से पहले यात्री प्रार्थना करते हैं कि यह यात्रा उनकी अंतिम यात्रा ना हो।

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Mumbai-Howrah Train Accident live: झारखंड के चक्रधरपुर के राजखरसावां-बडाबांबो स्टेशन के बीच हुए मुंबई मेल ट्रेन हादसे को लेकर पूर्व रेल मंत्री एवं राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव और उनकी बेटी रोहिणी आचार्या ने केन्द्र सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने ने सोशल मीडिया साइट एक पर लिखा है कि 13 दिनों में 7 रेल दुर्घटनाएं! नियमित होती रेल दुर्घटनाएं बेहद चिंताजनक है। सरकार ट्रेनों में सुरक्षा व्यवस्था के मूलभूत कदम भी नहीं उठा रही है। भारतीय रेलवे इतनी असुरक्षित हो चुकी है कि ट्रेनों पर चढ़ने से पहले यात्री प्रार्थना करते हैं कि यह यात्रा उनकी अंतिम यात्रा ना हो।
13 दिनों में 7 रेल दुर्घटनाएँ!
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) July 30, 2024
नियमित होती रेल दुर्घटनाएँ बेहद चिंताजनक है। सरकार ट्रेनों में सुरक्षा व्यवस्था के मूलभूत कदम भी नहीं उठा रही है।
भारतीय रेलवे इतनी असुरक्षित हो चुकी है कि ट्रेनों पर चढ़ने से पहले यात्री प्रार्थना करते हैं कि यह यात्रा उनकी अंतिम यात्रा ना हो।…
रेल के डिब्बे आज चलते फिरते ताबूत बनकर रह गए हैं। वहीं, उनकी बेटी रोहिणी आचार्य ने एक्स पर लिखा है कि “न तो पुल-पुलिया-सड़कों के धंसने-टूटने व दरकने का सिलसिला थम रहा है और ना ही दुःखद रेल-दुर्घटनाओं का, जान-माल की क्षति निरंतर जारी है, पिछले दस सालों से देश की बागडोर जिन लोगों के हाथों में है।
न तो पुल - पुलिया - सडकों के धंसने - टूटने व् दरकने का सिलसिला थम रहा है और ना ही दुःखद रेल - दुर्घटनाओं का.. जान - माल की क्षति निरंतर जारी है .. पिछले दस सालों से देश की बागडोर जिन लोगों के हाथों में है , उन लोगों को इन सब की तनिक भी परवाह नहीं है , कोरी बयानबाजी की आड़ में… pic.twitter.com/klqD1QXYdH
— Rohini Acharya (@RohiniAcharya2) July 30, 2024
उन लोगों को इन सब की तनिक भी परवाह नहीं है, कोरी बयानबाजी की आड़ में भ्रष्टाचार ही इनके शासन का सार है”। उन्होंने आगे लिखा है कि “रेलवे-सुरक्षा के नाम पर बड़ी-बड़ी बातें तो खूब की सरकार में शामिल लोगों ने, मगर दुर्घटनाओं से सीख लेते हुए दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए कोई गंभीर व सार्थक प्रयास कभी नहीं किया, हरेक दुर्घटना के पश्चात् निचले और मध्य स्तर के कर्मचारियों व् अधिकारियों पर जिम्मेदारी तय कर निलंबन की कार्रवाई, समीक्षा व जांच का कोरम पूरा दिया जाता है और तमाम लापरवाहियां-कोताहियां यथावत जारी रहती हैं”।
उन्होंने लिखा है कि “बयानवीरों की सरकार के लिए दुर्घटनाओं में जान गंवाने वाली आम जनता की जिंदगी की कोई कीमत नहीं है.. हावड़ा-मुंबई मेल दुर्घटना में जान गंवाने वालों को मेरी भावपूर्ण श्रद्धांजलि व् पीड़ित परिजनों के प्रति हार्दिक संवेदनाएं”।