मुंबई हाईकोर्ट का रेलवे को आदेश- लोकल ट्रेनों को दिव्यांगों के लिए बनाए और अनुकूल
By भाषा | Updated: July 22, 2019 20:17 IST2019-07-22T20:17:15+5:302019-07-22T20:17:29+5:30

मुंबई हाईकोर्ट का रेलवे को आदेश- लोकल ट्रेनों को दिव्यांगों के लिए बनाए और अनुकूल
बंबई उच्च न्यायालय ने सोमवार को रेलवे अधिकारियों को लीक से कुछ हटकर सोचने और उपनगरीय ट्रेनों के डिब्बों और स्टेशनों को दिव्यांगों के और अनुकूल बनाने का रास्ता तलाशने को कहा। रेलवे ने उच्च न्यायालय के समक्ष एक हलफनामे में कहा है कि ट्रेनों के ठहराव का समय बढाना और दिव्यांग लोगों के लिए डिब्बों को फिर से डिजाइन करना मुमकिन नहीं होगा।
न्यायाधीश प्रदीप नंदरजोग और न्यायमूर्ति एन एम जामदार की पीठ ने पिछले महीने पूछा था कि दिव्यांग लोगों के लिए लोकल ट्रेनों के आरक्षित कोच के दरवाजे पर क्या ढलाउदार रैंप की व्यवस्था की जा सकती है।
इसके जवाब में रेलवे ने अपने हलफनामे में कहा है कि दरवाजे पर ढलाउदार रैंप लगाने के लिए एक उचित हाइड्रॉलिक सिस्टम लगाकर इन डिब्बों की डिजाइन को पूरी तरह बदलने की जरूरत पड़ेगी। फिलहाल, ऐसी कोई डिजाइन उपलब्ध नहीं है।
फिलहाल एक ट्रेन एक स्टेशन पर 20 से 30 सेकेंड रूकती है और अगर इस तरह के रैंप लगाए गए तो ठहराव समय बढ़ जाएगा, जिससे ट्रेन सेवा 11 प्रतिशत घट जाएगी। इसके बाद पीठ ने रेलवे को समाधान निकालने के लिए कहा। पीठ ने कहा, ‘‘आए दिन हम लोकल ट्रेन में भीड़ के कारण मौत की खबरें पढ़ते हैं। आप समाधान निकालिए। कुछ लीक से हटकर सोचिए। आज के समय में तकनीक बहुत उन्नत हो गयी है।’’ अदालत अब सितंबर में इस मामले पर सुनवाई करेगी ।