आईआईटी, आईआईएम की तर्ज पर बनेंगे बहु-विधात्मक शिक्षा एवं अनुसंधान विश्वविद्यालय

By भाषा | Updated: April 18, 2021 13:59 IST2021-04-18T13:59:36+5:302021-04-18T13:59:36+5:30

Multi-disciplinary education and research universities to be built on the lines of IITs, IIMs | आईआईटी, आईआईएम की तर्ज पर बनेंगे बहु-विधात्मक शिक्षा एवं अनुसंधान विश्वविद्यालय

आईआईटी, आईआईएम की तर्ज पर बनेंगे बहु-विधात्मक शिक्षा एवं अनुसंधान विश्वविद्यालय

नयी दिल्ली, 18 अप्रैल केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने आईआईटी, आईआईएम की तर्ज पर बहु-विधात्मक शिक्षा एवं अनुसंधान विश्वविद्यालय (एमईआरयू) स्थापित करने की योजना बनाई है जिसके लिये व्यय वित्त समिति (ईएफसी) का नोट तैयार किया गया है ।

मंत्रालय के एक अधिकारी ने ‘भाषा’ को बताया, ‘‘ राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (रूसा) के संबंध में बहु-विधात्मक शिक्षा एवं अनुसंधान विश्वविद्यालय (एमईआरयू) के प्रावधानों को शामिल करते हुए व्यय वित्त समिति (ईएफसी) नोट तैयार किया गया है ।’’

उन्होंने बताया कि इस संबंध में नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रावधानों को समाहित किया गया है । नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रस्ताव में इसका उल्लेख किया गया है ।

उच्च शिक्षा के लिए प्रस्तावित इन विश्वविद्यालयों को बहु-विधात्मक शिक्षा एवं अनुसंधान विश्वविद्यालय (एमईआरयू) कहा जाएगा। आगे चलकर इन्हें अमेरिका की आइवी लीग के विश्वविद्यालयों के स्तर का बनाने का लक्ष्य है। इन संस्थानों में बहु-विधात्मक शोध और शिक्षा पर जोर दिया जाएगा।

इन विश्वविद्यालयों में भाषा, साहित्य, संगीत, दर्शन, इंडोलॉजी, कला, नृत्य, रंगमंच, शिक्षा, गणित, सांख्यिकी, शुद्ध और व्यावहारिक विज्ञान, समाजशास्त्र, अर्थशास्त्र और खेल जैसे विषयों के विभाग होंगे ।

गौरतलब है कि नयी शिक्षा नीति समग्र बहुविषयक शिक्षा व्यवस्था पर ज़ोर देती है । इसमें बहुविषयक शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए वैश्विक मानकों के अनुरूप आईआईटी, आईआईएम की तरह बहुविषयक शिक्षा एवं अनुसंधान विश्वविद्यालय (एमईआरयू) के रूप में सर्वोत्तम बहु विषयक शिक्षा मॉडल स्थापित करने की बात कही गई है।

इसके तहत उच्चतर शिक्षा संस्थानों को उच्च गुणवत्तापूर्ण शिक्षण, अनुसंधान एवं सामुदायिक भागीदारी उपलब्ध कराने के माध्यम से साधन संपन्न, गतिशील बहु विषयक संस्थानों में रूपांतरित करन पर जोर दिया गया है। यह उच्चतर शिक्षण संस्थानों को आने वाले वर्षों में बहु विषयक शिक्षा केंद्रों में तब्दील करने की परिकल्पना कराती है ।

नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत शिक्षा मंत्रालय ने उच्च शिक्षा के स्तर पर सकल नामांकन दर को साल 2035 तक 50 प्रतिशत तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है ताकि राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (रूसा) योजना को मजबूती मिल सके ।

केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने हाल ही में राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान की समीक्षा बैठक में अधिकारियों से रूसा योजना को मजबूत करने और उच्च शिक्षा के स्तर पर अतिरिक्त 3.5 करोड़ छात्रों को शिक्षित करने के लिए योजना बनाने को कहा।

गौरतलब है कि वर्तमान में उच्च शिक्षा के सतर पर सकल नामांकन दर (जीईआर) करीब 26 प्रतिशत है।

मंत्रालय ने डिग्री कॉलेज में शिक्षा को "एक जिला, एक उत्पाद" योजना के साथ जोड़ने पर भी बल दिया है।

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Web Title: Multi-disciplinary education and research universities to be built on the lines of IITs, IIMs

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