मप्र के काबीना मंत्री की पत्नी के ड्राइवर को रेमडेसिविर मामले में "क्लीन चिट" की तैयारी

By भाषा | Updated: May 20, 2021 15:41 IST2021-05-20T15:41:10+5:302021-05-20T15:41:10+5:30

MP's Kabina minister's wife's driver prepares for "clean chit" in Remedesvir case | मप्र के काबीना मंत्री की पत्नी के ड्राइवर को रेमडेसिविर मामले में "क्लीन चिट" की तैयारी

मप्र के काबीना मंत्री की पत्नी के ड्राइवर को रेमडेसिविर मामले में "क्लीन चिट" की तैयारी

इंदौर, 20 मई कोविड-19 के इलाज में इस्तेमाल होने वाले रेमडेसिविर इंजेक्शनों की कालाबाजारी के मामले में मध्य प्रदेश के जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट की पत्नी की कार के ड्राइवर को पुलिस की क्लीन चिट जल्द ही मिल सकती है। पुलिस के एक आला अफसर का कहना है कि इस प्रकरण में उसकी आपराधिक भूमिका प्रतीत नहीं हो रही है।

अधिकारियों ने बताया कि गोविंद राजपूत नाम का यह शख्स शहर की एक निजी ट्रैवल एजेंसी का कर्मचारी है और रेमडेसिविर की कालाबाजारी के मामले में गिरफ्तार साथी ड्राइवर पुनीत अग्रवाल के एक सनसनीखेज दावे के बाद जांच के घेरे में आ गया है।

इसी ट्रैवल एजेंसी का कर्मचारी अग्रवाल गिरफ्तारी से पहले जिला स्वास्थ्य अधिकारी पूर्णिमा गाडरिया की कार चला रहा था। अग्रवाल ने एक स्थानीय अदालत के सामने पेश किए जाने से पहले मंगलवार को मीडिया के सामने कहा था कि जल संसाधन मंत्री सिलावट की पत्नी की कार चलाने वाले राजपूत ने उसे 14,000-14,000 रुपये की कीमत में रेमडेसिविर के दो इंजेक्शन मुहैया कराए थे। आरोपी के इस बयान का वीडियो बुधवार को सोशल मीडिया पर फैलने के बाद सूबे की सियासत गरमा गई। वायरल वीडियो में वह पुलिस की गाड़ी में हथकड़ी पहना बैठा दिखाई दे रहा है।

पुलिस अधीक्षक (पूर्वी क्षेत्र) आशुतोष बागरी ने बृहस्पतिवार को "पीटीआई-भाषा" को बताया, "राजपूत (मंत्री की पत्नी की कार का ड्राइवर) ने खुद पुलिस के सामने पेश होकर अपना बयान दर्ज कराया है। बयान की तसदीक के बाद रेमडेसिविर की कालाबाजारी के मामले में उसकी आपराधिक भूमिका प्रतीत नहीं हो रही है।"

बागरी के मुताबिक राजपूत ने बयान में कहा कि कुछ दिन पहले रैपिड एंटीजन टेस्ट की रिपोर्ट में उसे कोविड-19 से संक्रमित बताया गया था जिससे घबराकर उसने अपने साथी ड्राइवर अग्रवाल से कहा कि वह उसे कहीं से रेमडेसिविर इंजेक्शन दिला दे।

उन्होंने राजपूत के बयान के हवाले से बताया, "अग्रवाल ने रेमडेसिविर के दो इंजेक्शन अपने बंटी नामक दोस्त से लेकर 7,000-7,000 रुपये के मूल्य पर राजपूत को मुहैया कराए थे। लेकिन राजपूत ने बाद में अपना आरटी-पीसीआर टेस्ट कराया जिसमें उसे कोविड-19 के संक्रमण से मुक्त बताया गया था। नतीजतन उसने दोनों इंजेक्शन अग्रवाल को लौटा दिए थे।"

पुलिस अधीक्षक के अनुसार जांच में राजपूत के बयान की तसदीक हुई है। उन्होंने कहा, "राजपूत (मंत्री की पत्नी की कार का ड्राइवर) रेमडेसिविर की कालाबाजारी के मामले में नामजद आरोपी नहीं है। उसने अपने रैपिड एंटीजन टेस्ट और आरटी-पीसीआर टेस्ट की रिपोर्ट भी पुलिस के सामने पेश की हैं।"

बागरी ने बताया कि पुलिस अब बंटी की तलाश कर रही है जिसने जिला स्वास्थ्य अधिकारी की कार के ड्राइवर अग्रवाल को रेमडेसिविर के दो इंजेक्शन कथित तौर पर मुहैया कराए थे।

इस बीच, जल संसाधन मंत्री सिलावट की पत्नी की कार के ड्राइवर राजपूत के बारे में अग्रवाल द्वारा मीडिया को दिए बयान का वीडियो वायरल होने से मचे हड़कंप के बाद विजय नगर पुलिस थाने में तैनात एक प्रधान आरक्षक को निलंबित कर दिया गया है, जबकि होमगार्ड के एक जवान को मैदानी ड्यूटी से हटा दिया गया है।

विजय नगर थाने के प्रभारी तहजीब काजी ने बताया कि अग्रवाल को अदालत में पेश किए जाने के दौरान "कर्तव्य में लापरवाही" के आरोप में दोनों कर्मियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कदम उठाए गए हैं।

निजी ट्रैवल एजेंसी के दो ड्राइवरों के कारण सवालों का सामना करने वाले जल संसाधन मंत्री सिलावट और जिला स्वास्थ्य अधिकारी गाडरिया इनसे पल्ला झाड़ते हुए कह चुके हैं कि रेमडेसिविर की कालाबाजारी करने वाले लोगों से उनका कोई लेना-देना नहीं है।

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