एमपीपीएससी चयन के बारे में नागरिकों को विवरण देने से इनकार नहीं कर सकता: राज्य सूचना आयोग
By भाषा | Updated: August 28, 2021 21:11 IST2021-08-28T21:11:47+5:302021-08-28T21:11:47+5:30

एमपीपीएससी चयन के बारे में नागरिकों को विवरण देने से इनकार नहीं कर सकता: राज्य सूचना आयोग
मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (एमपीपीएससी) नागरिकों को उसके द्वारा किए गए चयन का विवरण देने से इनकार नहीं कर सकता क्योंकि ऐसी सभी नियुक्तियां जनता के पैसे से होती हैं। राज्य के सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने एक आदेश में यह बात कही। उन्होंने राज्य सरकार के तहत विभिन्न पदों के लिए चयन प्रक्रिया संचालित करने वाले एमपीपीएससी को एक आरटीआई आवेदक को मुआवजे के रूप में 5,000 रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया है क्योंकि उसे पूर्ण और संतोषजनक जानकारी देने से इनकार किये जाने के कारण अनुचित शारीरिक और मानसिक पीड़ा का सामना करना पड़ा।पंकज श्रीवास्तव ने पिछले साल दिसंबर में सूचना के अधिकार (आरटीआई) अधिनियम के तहत एमपीपीएससी में एक आवेदन दायर कर आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारी के पद के लिए चुने गए पांच उम्मीदवारों द्वारा जमा किए गए दस्तावेजों का विवरण मांगा था। श्रीवास्तव पद के लिए चुने गए उम्मीदवारों में से एक थे।आयोग के लोक सूचना अधिकारी (पीआईओ) और प्रथम अपीलीय प्राधिकारी (एफएए) दोनों ने आवेदक को इस बिना पर जानकारी देने से इनकार कर दिया कि बगैर बड़े जनहित के किसी तीसरे पक्ष का विवरण साझा नहीं किया जा सकता और आरटीआई अधिनियम की धारा 8(1)(जे) के तहत तीसरे पक्ष से संबंधित सूचनाओं के प्रसार पर रोक है। इस इनकार से नाराज श्रीवास्तव ने राज्य सूचना आयोग (एसआईसी) से संपर्क किया। सूचना आयुक्त ने अपने आदेश में कहा कि अपीलकर्ता को आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारी के पद के लिए चयन प्रक्रिया के बारे में वैध संदेह था और सरकारी एजेंसियों में पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया होने के बारे में व्यापक जनहित की अनदेखी की गई है।
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