मध्य प्रदेश के वनमंत्री उमंग सिंघार ने पूर्व की शिवराज सिंह चौहान सरकार पर वृक्षारोपण अभियान को लेकर घोटाले का आरोप लगाया है। सिंघार ने दावा किया है कि पहली नजर में लगता है कि पूर्व की शिवराज सरकार ने वृक्षारोपण अभियान के नाम पर साढ़े चार सौ करोड़ रुपये के घोटाले को अंजाम दिया। सिंघार ने कहा कि आर्थिक अपराध शाखा (EOW) को मामले की जांच सौंपी गई हैं।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, सिंघार ने कहा, ''वृक्षारोपण की तैयारी के लिए आमतौर पर दो साल लगते उसे चार-पांच महीने में निपटा दिया गया, जोकि लगभग असंभव काम है। वृक्षारोपण अभियान गिनीज बुक रिकॉर्ड बनाने के लिए चलाया गया था लेकिन वैसा हो नहीं सका। यह लोदों के पैसे का दुरुपयोग है।''
स्थानीय मीडिया के मुताबिक, सिंघार ने आरोप लगाया कि 2 जुलाई 2017 में वृक्षारोपण पूर्व की शिवराज सरकार की ओर से वृक्षारोपण अभियान शुरू किया गया। उन्होंने आंकड़े साधा करते हुए दावा किया कि एक जगह विभाग द्वारा दी गई जानकारी में 15,625 पौधों की बात है लेकिन वास्तव में केवल 11,140 पौधे मिले।
सिंघार ने कहा कि पौधों के लिए किए गए गड्ढों की हाल भी ऐसी ही है। उन्होंने कहा कि पूर्व की शिवराज सरकार ने 9,985 बनाने का दावा किया था लेकिन जांच में कुल 2343 गड्ढों में पौधे लगे मिले। उन्होंने कहा कि इससे साफ है कि बड़े पैमाने पर पूर्व की बीजेपी सरकार ने घोटाले को अंजाम दिया।
कमलनाथ सरकार में वन मंत्री उमंग सिंघार ने यह भी कहा कि पूर्व सीएम शिवराज के अलावा तत्कालीन वन मंत्री डॉ. गौरीशंकर शेजवार को भी आरोपी बनाया जाएगा।