MP चुनावः राहुल गांधी की मौजूदगी में भिड़ गए कांग्रेस के दो बड़े नेता, ये बताई जा रही वजह
By रामदीप मिश्रा | Updated: November 1, 2018 13:24 IST2018-11-01T13:24:16+5:302018-11-01T13:24:16+5:30
निर्धारित चुनाव कार्यक्रम के अनुसार 2 नवंबर को प्रदेश में चुनाव की अधिसूचना जारी होगी । इसके साथ ही प्रत्याशियों के नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी, जोकि नौ नवंबर तक चलेगी।

MP चुनावः राहुल गांधी की मौजूदगी में भिड़ गए कांग्रेस के दो बड़े नेता, ये बताई जा रही वजह
मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन की प्रक्रिया 2 नवंबर से शुरू हो रही है और यह 9 नवंबर तक जारी रहेगी। इस बीच कांग्रेस पार्टी को सूबे के चुनाव में उम्मीदवारों की लिस्ट फाइनल करने में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। पार्टी इस स्थिति में फंसी हुई है कि किसे मैदान में उतारा जाए और किसका नाम लिस्ट में शामिल नहीं किया जाए।
इसी सिलसिले में बुधरात देर शाम कांग्रेस पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति ने बैठक बुलाई थी, जिसमें पार्टी अध्य्क्ष राहुल गांधी भी मौजूद थे। बैठक के दौरान उम्मीदवारों के नाम तय करने को लेकर चल रही चर्चा में प्रदेश के दो बड़े नेता आपस में उलझ गए और यह चर्चा बहस में बदल गई।
खबरों के अनुसार, प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच तीखी बहस हुई है। बताया जा रहा है कि दोनों नेता अपने-अपने उम्मीदवारों को टिकट देने को लेकर उलझ गए और आपस में जमकर तू-तू, मैं-मैं हुई है। वहीं, राहुल गांधी ने मामले को सुलझाने की कोशिक की।
उन्होंने दोनों के बीच हुए विवाद को लेकर तीन सदस्यीय समिति के गठन करने की घोषणा कर दी, जिसमें अशोक गहलोत, वीरप्पा मोइली और अहमद पटेल का नाम बताया जा रहा है और यह समिति विवाद को सुलझाने में लगी हुई है।
हालांकि मैं यह भी कहा जा रहा है कि कांग्रेस पार्टी के दो दिग्गज नेता भिड़ने के बाद बैठक देर रात तक चली है और आपसी विवाद सुलझाया नहीं जा सका है। इसके बाद पार्टी ने गुरुवार (1 नवंबर) को फिर से बैठक शुरू की है और विवाद को सुलझाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
आपको बता दें, निर्धारित चुनाव कार्यक्रम के अनुसार 2 नवंबर को प्रदेश में चुनाव की अधिसूचना जारी होगी । इसके साथ ही प्रत्याशियों के नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी, जोकि नौ नवंबर तक चलेगी। वहीं, राज्य में 28 नवंबर को मतदान कराया जाएगा। इस तरह अब प्रदेश में मतदान के लिए महीने भर से कम का समय बचा है। इसके बावजूद भी पिछले चुनाव की तरह इस बार राज्य में चुनावी माहौल नदारद है।