पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को दो अलग-अलग पत्र लिखकर कोरोना की रोकथाम के लिए लगे डाक्टरों, अस्पतालों एवं स्वास्थ्य सेवा कर्मियों के लिए सुविधाएं कराने के साथ-साथ एवं लॉकडाउन और कर्फ्यू से खेती किसानी और किसानों के समक्ष उत्पन्न होने वाली समस्याओं के निराकरण का आग्रह किया है. कमलनाथ ने कहा है कि किसानों को दो माह तक साढ़े 7 हजार रुपए प्रतिमाह दिए जाएं.
अपने पहले पत्र में कमलनाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पहले पत्र में कहा है कि लॉकडाउन के कारण आमजन के समक्ष विषम स्थितियां निर्मित हो रही है. लॉकडाउन के कारण प्रदेश के किसान भाई कठिनाई का सामना कर रहें. वर्तमान में रवी की फसल की कटाई एवं विक्रय का समय प्रारंभ हो चुका है. अनेक फसलें यथा गेहूं, मटर, धनियां, सरसों, चना आदि कटने की स्थिति में आ चुकी है परन्तु लॉकडाउन के कारण फसलों की कटाई नहीं हो पा रही हैं. एवं फसल खराब होने की संभावना बन गई है. साथ ही वे किसान जिन्होंने स्वयं ही फसल की कटाई कर ली है उनके समक्ष फसल के भंडारण एवं विक्रय की समस्या खड़ी हो गई है.
अपने पहले पत्र में कमलनाथ ने कहा कि कई सब्जी उत्पादक जिलों में सब्जी को निकाल कर खेतों में रखा गया है. परंतु लॉकडाउन के कारण परिवहन एवं विक्रय की व्यवस्था नही होने से सब्जियां सड़ने की स्थिति में पहुंच रही है. इसी प्रकार की स्थिति फलों के संदर्भ में भी हो रही है, जैसे संतरा को समय पर नहीं तोड़ा गया तो फल खराब हो जाएगा. और यदि फल को तोड़ लिया गया तब परिवहन एंव विक्रय के अभाव में एक निश्चित समय बाद फल सड़ जाएगा. असमय वर्षा के कारण उक्त स्थिति और भी चिंतनीय हो रही है.
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश के किसान भाईयों को राहत देने के लिए यह अत्यंत आवश्यक है कि प्रदेश सरकार द्बारा फसलों, सब्जियों एवं फलों की कटाई, तुड़ाई, भंडारण परिवहन एवं विक्रय के लिए आवश्यक किसान हितैषी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए. परन्तु खेद का विषय है कि प्रदेश सरकार के द्बारा इन महत्ती बिंदुओं पर अभी तक कोई उल्लेखनीय कदम नही उठाया गया है.
नाथ ने अपने पत्र में कहा कि अंतरिम राहत के रुप में प्रत्येक किसान भाई की न्यूनतम 7500 रुपए प्रतिमाह की राशि आगामी दो माह तक के लिए तत्काल स्वीकृत एवं वितरित की जाए .
इक्यूपमेंट की कराएं व्यवस्था
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि क्लीनिकल केयर के लिए मध्यप्रदेश के चिकित्सक, स्वास्थ्य कर्मियों के लिए डब्ल्यू. एच.ओ. की गाईडलाइन अनुसार पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्यूपमेंट की व्यवस्था अयिनवार्य: सुनिश्चित की जाए. हेज्मेट सूट्स एवं एन-95 मास्क की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित की जाए. प्रत्येक जिले में कोरोना महामारी के लिए पृथक से अस्पताल का चिन्हांकन एवं व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाए. नाथ ने मुख्यमंत्री के लिखे पत्र में कहा है कि निजी अस्पतालों को अधिग्रहित कर कोरोना के उपचार हेतु आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाए. कोरोना के लक्षण प्रतीत होने पर उनकी जांच हेतु प्रत्येक जिले में लैब की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए एवं प्रत्येक जिले के चिंहित अस्पताल में वेंटीलेटर एवं सर्जिकल मास्क की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चि की जाए. अपने पहले पत्र में कमलनाथ ने चौहान से आग्रह किया कि प्रदेश की चिकित्सा व्यवस्था को कोरोना महामारी से बचाव के योग्य बनाने हेतु कार्यवाही सुनिश्चित कराने का कष्ट करें.