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MP by election result 2020 Live: सियासी दंगल में भाजपा का मंगल ही मंगल, मध्य प्रदेश में भी बढ़त

By गुणातीत ओझा | Updated: November 10, 2020 16:47 IST

बिहार के साथ-साथ मध्य प्रदेश में भी 28 विधानसभा सीटों पर मतगणना जारी है। सभी 28 सीटों का रुझान सामने आ चुका है। सरकार बनाने के लिए भाजपा को मध्यप्रदेश में आठ सीटों को जीतने की जरूरत है।

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ठळक मुद्देबिहार के साथ-साथ मध्य प्रदेश में भी 28 विधानसभा सीटों पर मतगणना जारी है।रुझानों के मुताबिक 28 विधानसभा सीटों में से भाजपा 21 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है।

बिहार के साथ-साथ मध्य प्रदेश में भी 28 विधानसभा सीटों पर मतगणना जारी है। सभी 28 सीटों का रुझान सामने आ चुका है। सरकार बनाने के लिए भाजपा को मध्यप्रदेश में आठ सीटों को जीतने की जरूरत है। चुनाव आयोग के रुझानों के मुताबिक 28 विधानसभा सीटों में से भाजपा 21 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है। वहीं कांग्रेस को 6 सीट पर बढ़त मिली है। रुझानों में कांग्रेस चंबल संभांग में अच्छी बढ़त बनाए हुए है। एक सीट पर बसपा को बढ़त है। लेकिन यह ध्यान रखना चाहिए कि अभी नतीजों का रुझान है, पल-पल में तस्वीर बदलती नजर आ सकती है।

इन नतीजों से साबित होगा कि छह महीने पहले खोई सत्ता को कांग्रेस वापस पाने में कामयाब होगी, या फिर भाजपा अपनी सत्ता बचा पाएगी। यही नहीं यह उपचुनाव कांग्रेस से भाजपा में शामिल होने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए भी बहुत अहम हैं। 28 में से 16 सीटें सिंधिंया के प्रभाव वाले ग्वालियर-चंबल क्षेत्र की हैं। मध्य प्रदेश में इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है जब 28 सीटों पर हुए उपचुनाव सत्ता का भविष्य तय करेंगे। मध्यप्रदेश के 19 जिलों में 28 विधानसभा क्षेत्रों में 3 नवंबर को उप चुनाव हुए थे।

मतगणना के बीच शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर कहा कि राज्य की जनता ने एक बार फिर विकास और जनकल्याण के लिए संकल्पित भाजपा को मध्यप्रदेश की जिम्मेदारी सौंपने का निर्णय ले लिया है। यह स्पष्ट दिखाई दे रहा है। प्रदेश विधानसभा के उपचुनाव के परिणाम को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्री वीडी शर्मा और साथियों के साथ देख रहा हूं।

मध्य प्रदेश की 230 सदस्यीय विधानसभा में वर्तमान में भाजपा के 107, कांग्रेस के 87, बसपा के दो, सपा का एक और चार निर्दलीय विधायक हैं। राज्य में इस वर्ष मार्च में कांग्रेस के 22 विधायकों ने त्यागपत्र दे दिया था जिससे अल्पमत में आई कमलनाथ सरकार गिर गई थी। इनमें अधिकांश विधायक ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक थे, जो बाद में भाजपा में शामिल हो गए। सिंधिया स्वयं भी मार्च में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गये थे।

मध्य प्रदेश में जौरा, सुमावली, मुरैना, दिमनी, अंबाह, मेहगांव, गोहद, ग्वालियर, ग्वालियर पूर्व, डबरा, भांडेर, करैरा, पोहरी, बामोरी, अशोकनगर, मुंगावली, सुरखी, मलहरा, अनूपपुर, सांची, ब्यावरा, आगर, हाटपिपल्या, मांधाता, नेपानगर, बदनावर, सांवेर और सुवासरा विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए हैं।

टॅग्स :मध्य प्रदेश चुनावमध्य प्रदेशज्योतिरादित्य सिंधिया
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