जम्मू। कश्मीर में आतंकवाद के कदम उखाड़ देने का दावा करने वाले सुरक्षाबलों के लिए अब चिंता का कारण जम्मू संभाग के पांच जिलों-किश्तवाड़, डोडा, रामबन, राजौरी तथा पुंछ में बढ़तती आतंकी गतिविधियां हैं। इन जिलों में आतंकियों के जमावड़े, हथियारों की लगातार बरामदगी और मुठभेड़ों के क्रम व गति को देखते हुए अधिकारी अब आप दावा करने लगे हैं कि आने वाले दिन इन जिलों में भयानक और चुनौती भरे हो सकते हैं।
अधिकारियों ने इसे माना है कि आतंकी संगठन जम्मू संभाग में पुराने आतंकवाद ग्रस्त क्षेत्रों में दोबारा आतंकवाद को जिंदा करने के प्रयास में हैं। किश्तवाड़, डोडा, रामबन के बाद अब राजौरी एवं पुंछ जिले में आतंकी गतिविधियों को अंजाम दिया जा रहा है, ताकि जम्मू संभाग में इस तरह की वारदातें कर माहौल खराब किया जाए। पिछले एक महीने में सिर्फ राजौरी जिले में ही सेना का तीन बार आतंकियों से सामना हो चुका है, जबकि एक बार आतंकियों ने भाजपा कार्यकर्ता के घर पर ग्रेनेड से हमला भी किया है।
सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई एक-एक करके जम्मू संभाग के उन जिलों में दोबारा आतंक फैलाना चाहती है, जहां 1990 के दशक में आतंकवाद चरम पर होता था। किश्तवाड़, डोडा, रामबन, किश्तवाड़, रियासी, राजौरी और पुंछ जिले में 1990 के दशक में आतंकवाद चरम पर था। इन इलाकों में अब शांति है, लेकिन पहले किश्तवाड़ और रामबन में आतंकी वारदातें शुरू की गईं।
2018 से 2019 तक किश्तवाड़ में भाजपा और आरएसएस नेताओं की हत्या करके माहौल खराब किया गया। आतंकियों ने पुलिस कर्मियों की भी हत्या की। अब राजौरी में भी ऐसा किया जा रहा है। राजौरी के थन्नामंडी में दो बार आतंकियों से सेना की मुठभेड़ हो चुकी है। रविवार को भी सेना की आतंकियों से मुठभेड़ हुई।
नतीजतन स्थिति यह है कि कश्मीर से जम्मू की ओर बढ़ते आतंकियों के कदमों ने सुरक्षाबलों के साथ साथ अब आम नागरिकों को भी चिंता में डालना आरंभ कर दिया है। अभी तक वे कई सालों से अपने आपको सुरक्षित महसूस कर रहे थे क्योंकि जम्मू संभाग में आतंकवाद को दबा दिया गया था।