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विशेषज्ञों से सलाह के बाद नियंत्रण के और उपाय किए जाएंगे: कर्नाटक के मुख्यमंत्री

By भाषा | Updated: December 6, 2021 16:29 IST

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बेंगलुरु, छह दिसंबर कोरोना वायरस को लेकर नई चिंताओं के बीच कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने सोमवार को कहा कि सरकार राज्य में स्थिति पर करीब से नजर रख रही है और विशेषज्ञों से सलाह-मशविरे के बाद ही आगे के उपायों को लागू करने पर निर्णय लेगी।

कोरोना वायरस के नए स्वरूप ‘ओमीक्रोन’ के दो मामले राज्य में आने और नए कोविड क्लस्टर उभरने के बाद कर्नाटक सरकार ने शुक्रवार को कई एहतियाती उपायों की घोषणा की थी, जिसमें मॉल, सिनेमा घरों और स्कूल व कॉलेज जाने वाले छात्रों के माता-पिता के लिए टीके की दोनों खुराकों को अनिवार्य कर दिया था।

मॉल व सिनेमा घरों में कुल क्षमता के 50 फीसदी लोगों के प्रवेश की अनुमति देने के सुझाव से संबंधित सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा, “सभी सलाहों को विशेषज्ञ समिति के समक्ष रखा जाएगा, आने वाले दिनों में ओमीक्रोन और डेल्टा स्वरूप के प्रसार तथा और क्लस्टर के सामने आने के आधार पर हम विशेषज्ञों की राय लेकर उचित निर्णय लेंगे।”

हुबली में पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने एक अन्य सवाल पर कहा कि वायरस के ‘ओमीक्रोन’ स्वरूप से संक्रमित पाए गए बेंगलुरू के डॉक्टर के सभी संपर्कों की पहचान कर ली गई है और किसी में भी कोई लक्षण नहीं हैं और उससे संपर्क में आए एक दंपति की जीनोम सीक्वेंसिंग की रिपोर्ट का इंतजार है।

इससे पहले बीदर में पत्रकारों से बातचीत में बोम्मई ने कहा कि सरकार ने क्लस्टरों का प्रबंधन करने के लिए दिशा-निर्देश दिए हैं। उन्होंने यह टिप्पणी कर्नाटक में संक्रमण के नए कलस्टर, खासकर छात्रावास तथा छात्रों के बीच उभरने के संदर्भ में की है।

उन्होंने कहा, “चिक्कमगलुरु में कल, एक क्लस्टर (एक आवासीय विद्यालय में) सामने आया है, सभी छात्रों और उनके संपर्कों की जांच की गई है और इसे (स्कूल को) सील कर दिया गया है।”

सूत्रों ने बताया कि कम से कम 69 लोग संक्रमित पाए गए हैं, जिनमें से अधिकतर चिक्कमगलुरू जिले में सीगोडू में स्थित जवाहर नवोदय स्कूल के छात्र हैं।

इस बीच, बेंगलुरु में स्वास्थ्य मंत्री के सुधाकर ने एक सवाल के जवाब में कहा, “ऐतिहासिक दृष्टि से देखा जाए तो किसी भी महामारी के दौरान आमतौर पर दूसरी लहर बड़े पैमाने की होती है। तीसरी लहर आमतौर पर कम तीव्रता की होती है। यह ऐतिहासिक प्रमाण है। ऐतिहासिक रूप से, दूसरी लहर पहली लहर की तुलना में अधिक तीव्र होती है, और अगर तीसरी या चौथी लहर आती है, तो इसकी तीव्रता कम होगी।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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