विशेषज्ञों ने कहा- कोविड से अधिक बच्चे हुए संक्रमित, लेकिन घबराने की जरूरत नहीं

By भाषा | Updated: May 25, 2021 18:35 IST2021-05-25T17:18:55+5:302021-05-25T18:35:22+5:30

केंद्र सरकार ने बच्चों को अधिक खतरा होने की आशंकाओं को दूर करने का प्रयास करते हुए सोमवार को कहा था कि इस तरह का कोई संकेत नहीं है कि कोरोना वायरस संक्रमण की संभावित तीसरी लहर में बच्चे अत्यधिक प्रभावित होंगे।

More children infected with Kovid, but no need to panic | विशेषज्ञों ने कहा- कोविड से अधिक बच्चे हुए संक्रमित, लेकिन घबराने की जरूरत नहीं

(फोटो सोर्स- सोशल मीडिया)

Highlightsदेश में कोरोना की तीसरी लहर आने की आशंका है। बताया जा रहा है कि इस लहर में सबसे अधिक नुकसान बच्चों को होगा।लेकिन विशेषज्ञों ने इस पर अपनी एक अलग ही राय दी है।

कोरोना वायरस की दूसरी लहर में अधिक बच्चे संक्रमित पाये जा रहे हैं लेकिन अधिकतर मामलों में संक्रमण मामूली है और मृत्युदर कम है। विशेषज्ञों ने कहा है कि इसके संभावित कारणों में जांच बढ़ाना और लक्षणों की विस्तृत जानकारी होना है। अनेक डॉक्टरों और वैज्ञानिकों ने कहा है कि बच्चों में कोविड-19 संक्रमण के अनेक मामले आये हैं लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है। 

उन्होंने संक्रमण को और बढ़ने से रोकने के लिए बच्चों को भी तत्काल टीका लगाने की जरूरत बताई। विषाणु विज्ञानी उपासना रे ने माना कि बच्चों तथा नौजवानों में अधिक उम्र के लोगों की तुलना में संक्रमण के मामले थोड़े अधिक हैं। उन्होंने कहा कि इसकी एक वजह यह हो सकती है कि वायरस पिछले साल अधिक उम्र के लोगों को बड़ी संख्या में प्रभावित कर चुका है और अनेक तरह के संक्रमण से उबर चुके लोगों में प्रतिरोधक क्षमता बढ़ गयी है। 

कोलकाता में सीएसआईआर के भारत रासायनिक जीवविज्ञान संस्थान से जुड़ीं उपासना ने कहा, ‘‘इस आयुवर्ग को टीकाकरण में भी प्राथमिकता दी गयी जिसकी वजह से अधिक आयुवर्ग के लोगों में वायरस के प्रति प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत हो गयी।’’ उन्होंने कहा कि हो सकता है कि अब बच्चों में संक्रमण के लक्षणों के बारे में विस्तार से जानकारी होने के बाद उनकी जांच बढ़ गयी हैं और मामले सामने आ रहे हैं। 

उपासना रे के मुताबिक संभवत: पिछली बार भी बच्चे संक्रमित हो रहे होंगे लेकिन उनमें लक्षण नहीं होंगे या कम लक्षण होंगे जिससे स्थिति चिंताजनक नहीं हुई और उनकी जांच पर भी इतना जोर नहीं दिया गया। नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वी के पॉल ने हाल ही में कहा था कि भारत और बाकी दुनिया में अस्पतालों में भर्ती मरीजों में करीब तीन से चार प्रतिशत बच्चे हैं। 

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि पहली और दूसरी लहर के आंकड़ों से साफ होता है कि सामान्य रूप से बच्चे कोविड से सुरक्षित रहते हैं और अगर उन्हें संक्रमण होता भी है तो मामूली होता है। 

Web Title: More children infected with Kovid, but no need to panic

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