इस साल ‘सामान्य’ रहेगा मानसून : स्काइमेट

By भाषा | Updated: April 13, 2021 20:12 IST2021-04-13T20:12:56+5:302021-04-13T20:12:56+5:30

Monsoon will be 'normal' this year: Skymet | इस साल ‘सामान्य’ रहेगा मानसून : स्काइमेट

इस साल ‘सामान्य’ रहेगा मानसून : स्काइमेट

नयी दिल्ली, 13 अप्रैल मौसम संबंधी पूर्वानुमान व्यक्त करने वाली निजी एजेंसी ‘स्काइमेट वेदर’ ने मंगलवार को कहा कि जून से सितंबर के दौरान देश में 75 प्रतिशत से अधिक वर्षा का योगदान देने वाला दक्षिण-पश्चिम मानसून इस साल सामान्य रहेगा।

भौगोलिक जोखिम के आधार पर उत्तर-पूर्वी क्षेत्र के कुछ हिस्सों के साथ उत्तरी भारत में इस मौसम में कम बारिश होने की भी आशंका है।

स्काइमेट वेदर के अध्यक्ष (मौसम विज्ञान) जी पी शर्मा ने कहा कि जून से सितंबर के दौरान वर्षा का दीर्घावधि औसत (एलपीए) 103 प्रतिशत रहेगा। इसमें चूक की संभावना पांच प्रतिशत अधिक या कम की है।

शर्मा ने कहा, ‘‘इस तरह, सामान्य मानसून रहने की संभावना है।’’

उन्होंने कहा कि ‘सामान्य’ मानसून रहने की 60 प्रतिशत संभावना है और ‘सामान्य से ज्यादा’ बारिश की 15 प्रतिशत संभावना है।

स्काइमेट ने कहा कि मासिक आधार पर जून में 106 प्रतिशत वर्षा जबकि जुलाई में 97 प्रतिशत वर्षा की संभावना है। अगस्त और सितंबर में 99 प्रतिशत और 116 प्रतिशत बारिश का अनुमान है।

दीर्घावधि औसत के हिसाब से 96-104 प्रतिशत के बीच मानसून को सामान्य माना जाता है और 103 प्रतिशत वर्षा सामान्य रेंज में सबसे अधिक औसत है।

शर्मा ने कहा कि लगातार तीसरे वर्ष 2021 में अच्छा मानसून रहेगा। पिछले दो वर्षों में सामान्य से ज्यादा बारिश दर्ज की गयी थी।

स्काइमेट ने कहा, ‘‘आंतरिक कर्नाटक में भी मानसून के प्रमुख महीने जुलाई-अगस्त में इसके कमजोर प्रदर्शन यानि कम बारिश की आशंका है। मनसून के आरंभिक महीने जून और आखिरी चरण सितंबर में देश भर में व्यापक वर्षा के संकेत हैं।’’

स्काइमेट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) योगेश पाटिल ने बताया कि प्रशांत महासागर में पिछले वर्ष से ‘ला नीना’ की स्थिति बनी हुई है और अब तक मिल रहे संकेत इशारा करते हैं कि पूरे मानसून में यह तटस्थ स्थिति में रहेगा।

‘ला-नीना’ प्रभाव का आशय प्रशांत महासागर में पानी के ठंडा होने की स्थिति से है। महाद्वीप के मौसम पर इसका असर पड़ता है।

पाटिल ने कहा, ‘‘मनसून के मध्य तक आते-आते प्रशांत महासागर के मध्य भागों में समुद्र की सतह का तापमान फिर से कम होने लगेगा। हालांकि समुद्र की सतह के ठंडा होने की यह प्रक्रिया बहुत धीमी रहेगी। इस आधार पर कह सकते हैं कि मानसून को खराब करने वाले ‘अल नीनो’ के उभरने की आशंका इस साल के मानसून में नहीं है।’’

स्काइमेट वेदर ने जनवरी में अपने पूर्वानुमान में भी सामान्य मानसून रहने का अनुमान जताया था।

देश के मौसम के बारे में आधिकारिक तौर पर अनुमान जारी करने वाले मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) इस सप्ताह अपना पूर्वानुमान जारी कर सकता है।

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