Monsoon Rains: 16 साल बाद पहले मानसून का आगमन?, केरल में झमाझम बारिश, जानें आपके राज्य में कब

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: May 24, 2025 18:39 IST2025-05-24T17:11:50+5:302025-05-24T18:39:57+5:30

Monsoon Rains LIVE: आईएमडी के आंकड़ों के अनुसार, मानसून दक्षिणी राज्य में पिछले साल 30 मई को, 2023 में आठ जून को, 2022 में 29 मई को, 2021 में तीन जून को, 2020 में एक जून को, 2019 में आठ जून को और 2018 में 29 मई को आया था।

Monsoon Rains LIVE First monsoon arrival after 16 years Heavy rain in Kerala know when in your state red, orange alerts in several districts | Monsoon Rains: 16 साल बाद पहले मानसून का आगमन?, केरल में झमाझम बारिश, जानें आपके राज्य में कब

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Highlightsमानसून केरल में सबसे जल्दी 1990 में (19 मई को) पहुंचा था जो सामान्य तिथि से 13 दिन पहले था। केरल में मानसून के जल्दी या देर से आने का मतलब यह नहीं है कि यह देश के अन्य हिस्सों में भी उसी तरह पहुंचेगा।देश के अन्य हिस्सों में मानसून का आगमन वैश्विक, क्षेत्रीय एवं स्थानीय समेत कई कारकों से तय होता है।

Monsoon Rains LIVE: दक्षिण-पश्चिमी मानसून शनिवार को केरल पहुंच गया जो 2009 के बाद से भारतीय मुख्य भूमि पर इसका सबसे जल्दी आगमन है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने यह जानकारी दी। मानसून 2009 में 23 मई को केरल पहुंचा था। दक्षिण-पश्चिमी मानसून सामान्यतः एक जून तक केरल में प्रवेश करता है और आठ जुलाई तक पूरे देश में पहुंचता है। उत्तर-पश्चिमी भारत से इसकी वापसी 17 सितंबर के आसपास शुरू हो जाती है और 15 अक्टूबर तक यह पूरी तरह से वापस चला जाता है। आईएमडी के आंकड़ों के अनुसार, मानसून दक्षिणी राज्य में पिछले साल 30 मई को, 2023 में आठ जून को, 2022 में 29 मई को, 2021 में तीन जून को, 2020 में एक जून को, 2019 में आठ जून को और 2018 में 29 मई को आया था।

इस संबंध में 1975 से उपलब्ध आंकड़ों से पता चलता है कि मानसून केरल में सबसे जल्दी 1990 में (19 मई को) पहुंचा था जो सामान्य तिथि से 13 दिन पहले था। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, केरल में मानसून के जल्दी या देर से आने का मतलब यह नहीं है कि यह देश के अन्य हिस्सों में भी उसी तरह पहुंचेगा।

आईएमडी के एक अधिकारी ने कहा कि देश के अन्य हिस्सों में मानसून का आगमन वैश्विक, क्षेत्रीय एवं स्थानीय समेत कई कारकों से तय होता है। आईएमडी ने अप्रैल में इस साल मानसून में सामान्य से अधिक वर्षा का अनुमान जताया था जिससे अल नीनो की स्थिति की संभावना खारिज हो गई। अल नीनो प्रणाली भारतीय उपमहाद्वीप में सामान्य से कम वर्षा से जुड़ी है।

आईएमडी के अनुसार, 50 साल के औसत 87 सेंटीमीटर के 96 फीसदी से 104 फीसदी के बीच की बारिश को ‘सामान्य’ माना जाता है। दीर्घावधि औसत के हिसाब से 90 प्रतिशत से कम वर्षा को ‘कमी’, 90 से 95 प्रतिशत के बीच ‘सामान्य से कम’, 105 से 110 प्रतिशत के बीच ‘सामान्य से अधिक’ और 100 प्रतिशत से अधिक वर्षा को ‘अधिक’ वर्षा माना जाता है।

भारत में 2024 में 934.8 मिमी बारिश हुई थी जो औसत का 108 प्रतिशत तथा 2020 के बाद से सबसे अधिक है। इससे पहले 2023 में 820 मिमी यानी औसत का 94.4 प्रतिशत बारिश हुई थी। आईएमडी के आंकड़ों के अनुसार, 2022 में 925 मिमी, 2021 में 870 मिमी और 2020 में 958 मिमी बारिश हुई थी।

भारत के कृषि क्षेत्र के लिए मानसून महत्वपूर्ण है। कृषि क्षेत्र लगभग 42.3 प्रतिशत आबादी की आजीविका में सहयोग प्रदान करता है और देश के सकल घरेलू उत्पाद में 18.2 प्रतिशत का योगदान देता है। मानसून देश भर में पेयजल और बिजली उत्पादन के लिए अहम जलाशयों को फिर से भरने के लिए भी महत्वपूर्ण है।

केरल में भारी बारिश जारी रहेगी, कई जिलों के लिए रेड और ऑरेंज अलर्ट

केरल में अगले कुछ दिनों तक भारी बारिश का सिलसिला जारी रहने का अनुमान है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने शनिवार को राज्य के कई जिलों के लिए ‘रेड’ और ‘ऑरेंज’ अलर्ट जारी किया। आईएमडी ने कन्नूर और कासरगोड जिलों के लिए रेड अलर्ट तथा राज्य के बाकी 12 जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।

इसके अलावा, रविवार के लिए पांच जिलों में रेड अलर्ट और नौ जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। सोमवार के लिए केरल के 11 जिलों में रेड अलर्ट और तीन जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। इससे पहले, दिन में आईएमडी ने राज्य में मानसून के आगमन की पुष्टि की, जो 2009 के बाद सबसे जल्दी आगमन है।

आईएमडी के अनुसार, मानसून सामान्य से आठ दिन पहले आ गया और इससे पहले ऐसा 23 मई 2009 को हुआ था। 1975 के बाद 19 मई 1990 को भी मानसून का जल्दी आगमन हुआ था। शनिवार को केरल में तेज हवाओं और रातभर हुई भारी बारिश के कारण कई पेड़ गिर गए, बिजली के खंभे उखड़ गए, फसलें नष्ट हो गईं और सड़कें जलमग्न हो गईं।

पेड़ों के गिरने के कारण राज्य के कई हिस्सों में कुछ मकान भी क्षतिग्रस्त हो गए। सुबह राज्य के राजस्व मंत्री के राजन ने कहा कि राज्य में मानसून के जल्द आने के संकेत मिलते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कोझिकोड, इडुक्की और पथानामथिट्टा के उत्तरी जिलों में बारिश अधिक होगी।

आईएमडी ने शुक्रवार को कहा था कि केरल में मानसून दो दिन में पहुंच जाएगा। मंत्री ने यह भी कहा कि कुछ स्थानों पर बिना किसी चेतावनी के थोड़ी देर के लिए भारी बारिश हो सकती है, जिससे अचानक बाढ़ और भूस्खलन की स्थिति पैदा हो सकती है। उन्होंने कहा कि अधिकारी ऐसी सभी स्थितियों और मानसून से निपटने के लिए तैयार हैं।

राजन ने कहा कि मानसून की तैयारियों के संबंध में सभी जिलाधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं और वह प्रत्येक जिले में स्थिति का आकलन करने के लिए दिन में उनके साथ ऑनलाइन बैठक करेंगे। मंत्री ने आम जनता को भारी बारिश के मद्देनजर सावधानी बरतने और केवल सुरक्षित स्थानों की यात्रा करने की सलाह दी।

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