Mohammed Azharuddin ed: टीम इंडिया के पूर्व कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन तलब?, ईडी ने किस मामले में बुलाया...
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: October 3, 2024 16:26 IST2024-10-03T12:30:58+5:302024-10-03T16:26:33+5:30
Mohammed Azharuddin ed: हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन (एचसीए) में कथित वित्तीय अनियमितताओं से जुड़ी है जिसको लेकर ईडी ने पिछले साल नवंबर में छापेमारी की थी।

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Mohammed Azharuddin ed: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन (एचसीए) में कथित वित्तीय अनियमितताओं से जुड़े धन शोधन मामले की जांच के सिलसिले में पूछताछ के लिए भारतीय किक्रेट टीम के पूर्व कप्तान एवं कांग्रेस नेता मोहम्मद अजहरुद्दीन को तलब किया है। आधिकारिक सूत्रों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। सूत्रों ने बताया कि पूर्व सांसद को तीन अक्टूबर को यहां संघीय एजेंसी के कार्यालय में पेश होने और धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत अपना बयान दर्ज कराने के लिए कहा गया था।
हालांकि, पूर्व क्रिकेटर ने एजेंसी से और समय मांगा है। यह जांच एचसीए में कथित वित्तीय अनियमितताओं से जुड़ी है जिसको लेकर ईडी ने पिछले साल नवंबर में छापेमारी की थी। सूत्रों ने बताया कि एचसीए अध्यक्ष के रूप में अजहरुद्दीन के कार्यकाल के दौरान उनकी भूमिका एजेंसी की जांच के दायरे में है। अजहरुद्दीन की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
धन शोधन का यह मामला तेलंगाना भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) द्वारा एचसीए के 20 करोड़ रुपये के कथित आपराधिक दुरुपयोग के संबंध में दर्ज की गईं तीन प्राथमिकी और आरोपपत्रों से संबंधित है। ईडी ने पहले बयान में कहा था, ‘‘आरोपपत्र में हैदराबाद के उप्पल में निर्मित राजीव गांधी क्रिकेट स्टेडियम के लिए डीजल जेनरेटर, अग्निशमन प्रणाली और छतरियों की खरीद में गंभीर अनियमितताओं के बारे में आरोप हैं।’’ पुलिस के आरोपपत्र के अनुसार, समयसीमा के बावजूद कई कार्यों में अत्यधिक देरी हुई, जिससे लागत और बजट में बढ़ोतरी होने से एचसीए को नुकसान हुआ।
एजेंसी ने आरोप लगाया कि पाया गया कि एचसीए के पदाधिकारियों ने निजी लोगों के साथ मिलीभगत करके, उचित निविदा प्रक्रियाओं का पालन किए बिना और कई मामलों में कोटेशन प्राप्त होने से पहले ही पसंदीदा ठेकेदारों को बाजार दरों से अधिक कीमत पर विभिन्न निविदाएं और कार्य आवंटित किए।
इसने कहा कि इन पदाधिकारियों में एचसीए के तत्कालीन सचिव, अध्यक्ष और उपाध्यक्ष तथा अन्य शामिल हैं। यह भी कहा गया कि कई ठेकेदारों को अग्रिम भुगतान किया गया, जबकि उन्होंने कोई काम ही नहीं किया था। ईडी ने कहा था कि पिछले साल की गई छापेमारी में डिजिटल डिवाइस, ‘‘अपराध साबित करने वाले’’ दस्तावेज और 10.39 लाख रुपये जब्त किए गए थे।