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मोदी ने केदारनाथ में पूजा की, आदि शंकराचार्य की प्रतिमा का अनावरण किया

By भाषा | Updated: November 5, 2021 18:49 IST

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देहरादून/केदारनाथ, पांच नवंबर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को केदारनाथ के दर्शन किए और आदि गुरु शंकराचार्य की प्रतिमा का अनावरण, उनकी समाधि का लोकार्पण सहित 400 करोड रुपये के अन्य पुनर्निर्माण कार्यों का उद्घाटन और शिलान्यास किया ।

भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच केदारनाथ पहुंचने के बाद प्रधानमंत्री ने भगवान शिव की विशेष पूजा अर्चना की और उनका रूद्राभिषेक किया। कई क्विंटल फूलों से सजे मंदिर के मुख्य द्वार पर प्रधानमंत्री के पहुंचने पर पुजारियों ने उनके माथे पर चंदन का लेप लगाकर स्वागत किया।

शीतकाल के लिए मंदिर के कपाट बंद होने से एक दिन पहले बाबा केदार की पूजा करने के बाद मोदी ने एक ही शिला काटकर बनाई गई शंकराचार्य की बारह फुट लंबी प्रतिमा का अनावरण किया और उसके समक्ष बैठकर उनकी आराधना की । उन्होंने शंकराचार्य के पुनर्निमित समाधि स्थल का लोकार्पण भी किया । आदिगुरू का समाधि स्थल 2013 में आई प्राकृतिक आपदा में क्षतिग्रस्त हो गया था ।

प्रधानमंत्री ने केदारनाथ में पुनर्निर्माण कार्यों का लोकार्पण और शिलान्यास भी किया जिसमें सरस्वती नदी के तट पर घाट और सुरक्षा दीवार का निर्माण, गरूडचटटी जाने के लिए मंदाकिनी नदी पर बना पुल तथा तीर्थ पुरोहितों के नए आवास शामिल हैं ।

मोदी के इस कार्यक्रम का आदि शंकराचार्य द्वारा चारों दिशाओं में स्थापित किए गए चारों धाम बद्रिकाश्रम ज्योतिर्पीठ बदरीनाथ, द्वारिका पीठ, पुरी पीठ और रामेश्वरम, आदिगुरू की जन्मस्थली सहित 12 ज्योतिर्लिंगों व देशभर के शिवालयों में सीधा प्रसारण किया गया।

मंदिर परिसर में आयोजित कार्यक्रम के बाद अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि यहां हो रहे अलौकिक अनुभव को व्यक्त करने के लिए उनके पास शब्द नहीं हैं ।

उन्होंने कहा, ' कुछ अनुभव इतने अलौकिक, इतने अनंत होते हैं कि उन्हें शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता । बाबा केदारनाथ की शरण में जब भी आता हूं, यहां के कण—कण से जुड जाता हूं। यहां की हवाएं, हिमालय की चोटियां, बाबा केदार का सानिध्य, न जाने यहां आकर कैसी अनुभूति होती है, जिसके लिए मेरे पास शब्द नहीं है ।'

गोवर्धन पूजा के दिन बाबा केदार के दर्शन और पूजा को अपना सौभाग्य बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आदि शंकराचार्य के समाधि स्थल पर कुछ समय बिताना भी उनके लिए दिव्य अनुभूति वाला था। उन्होंने कहा, ' उनके सामने बैठते ही लग रहा था कि आदिशंकर की आंखों से तेज पुज, प्रकाश पुंज प्रवाहित हो रहा है जो भक्त भारत का विश्वास जगा रहा है ।'

उन्होंने कहा कि मंदाकिनी के किनारे सुरक्षा दीवार बनने से जहां श्रद्धालुओं की यात्रा और सुरक्षित होगी वहीं तीर्थ पुरोहितों के लिए बने नए आवासों से उन्हें हर मौसम में सेवा करने में सुविधा होगी । उन्होंने कहा कि आज यहां यात्री सुविधाओं से जुडी कई योजनाओं का शिलान्यास भी हुआ है ।

प्रधानमंत्री ने वर्ष 2013 की प्राकृतिक आपदा का जिक्र करते हुए कहा कि बरसों पहले यहां हुआ नुकसान अकल्पनीय था और उस समय वह गुजरात के मुख्यमंत्री होने के बाद भी अपने आपको रोक नहीं पाए और दौडे चले आए। उन्होंने कहा कि लोगों को संशय था कि केदारनाथ फिर से खडा हो भी पायेगा या नहीं, लेकिन उनके भीतर की आवाज कह रही थी कि वह पहले से अधिक आन, बान, शान के साथ खडा होगा ।

मोदी ने कहा कि इस विश्वास को अपनी आंखों से साकार होते देखने से उन्हें संतोष मिल रहा है । उन्होंने कहा, ' मैं इसे अपना सौभाग्य मानता हूं कि बाबा केदार ने, संतों के आशीर्वाद ने, इस पवित्र धरती ने ,इस मिटटी ने, इन हवाओं ने कभी मुझे पाला पोसा और उसकी सेवा करने का सौभाग्य मिलने से बडा जीवन का पुण्य क्या हो सकता है ।'

केदारनाथ में पुनर्निर्माण कार्यों के लिए उन्होंने उत्तराखंड सरकार और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी तथा बर्फबारी जैसी विषम परिस्थितियों में भी डटे रहे लोगों का धन्यवाद किया । मोदी ने इसके लिए केदारनाथ मंदिर के सभी रावल और पुजारियों का भी आभार व्यक्त किया और कहा, ' उनके सकारात्मक रवैये के कारण हम पुरानी विरासत को भी बचा पाए और आधुनिकता भी ला पाए ।'

आदि शंकराचार्य के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि हर विद्धान का मानना है कि वह भगवान शंकर का ही स्वरूप थे और विश्व तथा भारत के कल्याण के लिए अपनी चेतना को समर्पित कर उन्होंने इसे प्रत्यक्ष प्रमाणित कर दिया था ।

उन्होंने कहा, 'शंकराचार्य ने हमारी चेतना में प्राण फूंके और हमें आर्थिक, परमार्थिक और उन्नति का मंत्र दिया । उन्होंने पवित्र मठों की स्थापना की, चारधामों की स्थापना की, द्वादश ज्योर्तिलिंगों की पुनजाग्रति का कार्य किया और सब कुछ त्याग कर देश समाज और देश के लिए जीनों वालों की एक परंपरा खडी की ।'

उन्होंने कहा कि शंकराचार्य, स्वामी विवेकानंद सहित कई महान विभूतियां ने समय की सीमा का उल्लंघन कर छोटे से कालखंड में कई युगों को गढ दिया और भारत इन्हीं विभूतियों की प्रेरणा पर चलता है और इसीलिए हम लक्ष्य निर्धारित कर काम करते हैं ।

केदारनाथ पहुंचने से पहले, मोदी देहरादून के निकट जौलीग्रांट हवाई अड्डे पहुंचे जहां उनका राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सहित अन्य लोगों ने स्वागत किया। हवाई अड्डे से वह हेलीकॉप्टर से सीधे केदारनाथ के लिए रवाना हो गए।

मोदी के दौरे में राज्यपाल, मुख्यमंत्री धामी, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक तथा राज्य मंत्रिमंडल के कई सदस्य मौजूद थे ।

केदारनाथ पुनर्निर्माण मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट माना जाता है। प्रधानमंत्री का यह केदारनाथ का पांचवां और एक माह के भीतर दूसरा उत्तराखंड दौरा है। सात अक्टूबर को एम्स ऋषिकेश में उन्होंने आक्सीजन संयंत्र का उद्घाटन किया था।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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