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मोदी सरकार के अहंकार की हार और प्रजातंत्र की जीत हुई: कांग्रेस

By भाषा | Updated: December 9, 2021 18:26 IST

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नयी दिल्ली, नौ दिसंबर कांग्रेस ने किसान संगठनों की ओर से आंदोलन स्थगित करने के बाद बृहस्पतिवार को कहा कि एक साल तक चले आंदोलन में नरेंद्र मोदी सरकार के अहंकार की हार हुई और प्रजातंत्र की जीत हुई।

मुख्य विपक्षी दल ने यह भी कहा कि यह संघर्ष की शुरुआत भर है और आगे न्यूनतम समर्थन मूल्य, आंदोलन में जान गंवाने वाले किसानों के परिवारों के लिए मुआवजे, किसानों की आय दोगुनी करने के सरकार के वादे और गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा की बर्खास्तगी की मांग को लेकर लड़ाई जारी रखनी है।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक वीडियो साझा करते हुए ट्वीट किया, ‘‘अपना देश महान है,यहां सत्याग्रही किसान है! सत्य की इस जीत में हम शहीद अन्नदाताओं को भी याद करते हैं।’’

पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘दिल्ली की सीमाओं पर 378 दिनों के सतत संघर्ष के बाद देश के अन्नदाताओं को मिली विजय के लिए करोड़ों किसानों व खेतिहर मजदूरों को हार्दिक बधाई। किसान आंदोलन ने महात्मा गांधी जी के सिद्धांत को अक्षरशः सही सिद्ध किया है कि जनतंत्र की असली शक्ति जनता में निहित है।समकालीन विश्व इतिहास में ऐसा अनुशासित, मर्यादित और मुद्दों पर आधारित आंदोलन देखने में नहीं आया। किसान संगठनों का नेतृत्व भी बधाई और साधुवाद का पात्र है।’’

कांग्रेस महासचिव ने कहा, ‘‘आज हम कह सकते हैं कि प्रजातंत्र के नए युग की शुरुआत हुई है और मोदी सरकार की हार में ही जनहित की जीत है।’’

उनके मुताबिक, ‘‘अभी संघर्ष की शुरुआत हुई है। यह संघर्ष किसानों को उपज का केवल न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं, बल्कि ‘‘लाभकारी मूल्य’’ दिलाने का है, किसान की आय साल 2022 तक दोगुनी करने का वादा पूरा कराना है, किसान-खेतिहर मजदूरों को जानलेवा कर्ज मुक्ति के बंधन से आजाद करवाने का है।’’

सुरजेवाला ने कहा, ‘‘किसान को 6,000 प्रति हेक्टेयर का सालाना जुमला दिया और उसकी जेब से 25,000 रुपये प्रति हेक्टेयर सालाना निकाल लिया। डीज़ल पर उत्पाद शुल्क 3.56 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 21.80 रुपये प्रति लीटर किया गया। खाद पर 5 प्रतिशत जीएसटी लगाई गई। कीटनाशक दवाई पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगाई गई। ट्रैक्टर और खेती के उपकरणों पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगाई गई।’’

उन्होंने यह भी कहा कि लखीमपुर खीरी की घटना को लेकर गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा को हटाने और ‘शहीद’ 700 किसानों के परिवारों को मुआवजा दिलाने के लिए संघर्ष करना है।

गौरतलब है कि आंदोलन करने वाले 40 किसान संगठनों का नेतृत्व कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने तीन विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ एक साल से अधिक समय से जारी प्रदर्शन को बृहस्पतिवार को स्थगित करने का फैसला किया और घोषणा की है कि किसान 11 दिसंबर को दिल्ली की सीमाओं वाले विरोध स्थलों से घर लौट जाएंगे।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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