मोदी सरकार को लखीमपुर खीरी मामले में मंत्री अजय मिश्रा को बचाना बंद करना चाहिए : एसकेएम
By भाषा | Updated: December 14, 2021 22:22 IST2021-12-14T22:22:16+5:302021-12-14T22:22:16+5:30

मोदी सरकार को लखीमपुर खीरी मामले में मंत्री अजय मिश्रा को बचाना बंद करना चाहिए : एसकेएम
नयी दिल्ली, 14 दिसंबर संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने मंगलवार को कहा कि मोदी सरकार को केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा ‘टेनी’ को बचाना बंद कर देना चाहिए, जिनके बेटे को तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी हिंसा के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था और उन्हें मंत्रीपद से बर्खास्त कर देना चाहिए।
लखीमपुर खीरी हिंसा मामले की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) ने लापरवाही से मौत के कम गंभीर आरोप को हत्या के प्रयास के साथ बदलने का मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट से अनुरोध करते हुए कहा है कि यह “पूर्व नियोजित साजिश के कारण हुई मौत” का मामला था। इस घटना में चार किसानों समेत आठ लोगों की जान गई थी।
एसआईटी जांच पर प्रतिक्रिया देते हुए, किसान संघों के नेतृत्वकारी संगठन ने कहा कि निष्कर्ष ने अपने रुख की पुष्टि की है कि यह घटना एक “पूर्व नियोजित नरसंहार” था।
एसकेएम ने एक बयान में कहा, “इस बीच, घटना के मुख्य मास्टरमाइंड, अजय मिश्रा ‘टेनी’, मुक्त घूमते हैं और केंद्र सरकार में अपनी स्थिति बनाए रखते हैं। नवीनतम निष्कर्षों के आलोक में, एसकेएम मांग करता है कि मोदी सरकार ‘लखीमपुर खीरी में किसान नरसंहार के साजिशकर्ता’ को बचाना बंद कर दे और उनकी बर्खास्तगी व गिरफ्तारी की अपनी मांग को दोहराता है।”
बयान में कहा गया कि एसकेएम इस मुद्दे पर अपना संघर्ष जारी रखेगा।
लखीमपुर खीरी हिंसा की जांच कर रहे विशेष जांचकर्ता ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 279 (लापरवाही से गाड़ी चलाने), 338 (गंभीर चोट पहुंचाना), 304 ए (लापरवाही से मौत का कारण) को 307 (हत्या का प्रयास), 326 (जानबूझकर खतरनाक हथियारों से चोट पहुंचाना), 34 (समान इरादों से कई व्यक्तियों द्वारा किया गया कृत्य) से बदलने का अनुरोध किया है।
एसआईटी ने इस मामले में आईपीसी की अन्य धाराएं 302, 147, 148, 149 और 120 बी को बरकरार रखा है।
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