मोदी ने किसानों, स्वसहायता समूहों के सदस्यों से मुलाकात की

By भाषा | Updated: December 15, 2020 18:49 IST2020-12-15T18:49:33+5:302020-12-15T18:49:33+5:30

Modi calls on farmers, members of self-help groups | मोदी ने किसानों, स्वसहायता समूहों के सदस्यों से मुलाकात की

मोदी ने किसानों, स्वसहायता समूहों के सदस्यों से मुलाकात की

कच्छ (गुजरात) 15 दिसंबर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को जिले के किसानों और एक स्थानीय स्वसहायता समूह के सदस्यों से मुलाकात की। विभिन्न परियोजनाओं के शिलान्यास के सिलसिले में एकदिवसीय दौरे पर धोर्डों गांव पहुंचे मोदी से मिलने वाले अधिकांश किसान पंजाबी थे जो यहां बस गए हैं।

परियोजनाओं के शिलान्यास के लिए इस सीमावर्ती जिले में आयोजित कार्यक्रम के इतर प्रधानमंत्री की किसानों और स्वसहायता समूहों के सदस्यों से अलग-अलग मुलाकात हुई। इस दौरान गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी मौजूद थे।

प्रधानमंत्री ने मुलाकात के दौरान कच्छ में बसे पंजाब के किसानों के प्रतिनिधिमंडल के अलावा स्थानीय कृषकों की भी बातें सुनीं। ये सिख किसान भारत-पाक सीमा के निकट इलाकों में खेती कर अपना जीविकोपार्जन चलाते हैं।

प्रधानमंत्री की किसानों से यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब राजधानी दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन कर रहे हैं। इन प्रदर्शनकारी किसानों में अधिकांश पंजाब और हरियाणा के हैं।

मोदी ने एक स्थानीय स्वसहायता समूह की महिलाओं से भी संवाद किया।

इससे पहले उन्होंने कई विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखी। इनमें परियोजनाओं में दुनिया का सबसे बड़ा नवीकरणीय ऊर्जा पार्क भी शामिल है, जिसकी स्‍थापना भारत-पाकिस्‍तान सीमा के पास खावड़ा गांव में की जा रही है।

प्रधानमंत्री ने खारे पानी को साफ करने के संयंत्र, सरहद डेरी के पूरी तरह स्‍वचालित दुग्‍ध प्रसंस्‍करण संयंत्र और पैकिंग संयंत्र का भी शिलान्यास किया।

एक अनुमान के मुताबिक कच्छ जिले के लखपत तालुका में करीब 5000 सिख परिवार रहते हैं। 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री के आह्वान के बाद सिखें ने यहां बसना आरंभ किया था।

गौरतलब है कि केन्द्र सरकार जहां तीनों कृषि कानूनों को कृषि क्षेत्र में बड़े सुधार के तौर पर पेश कर रही है, वहीं प्रदर्शनकारी किसानों ने आशंका जताई है कि नए कानूनों से एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) और मंडी व्यवस्था खत्म हो जाएगी और और वे बड़े कॉरपोरेट पर निर्भर हो जाएंगे।

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Web Title: Modi calls on farmers, members of self-help groups

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