तमुलपुर (असम), तीन अप्रैल उत्तर-पूर्व में भूमिगत संगठनों के साथ हुए शांति समझौतों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को असम में अब तक समर्पण नहीं करने वाले उग्रवादियों से मुख्यधारा में लौटने की अपील की और कहा कि ‘आत्मनिर्भर असम’ बनाने के लिए उनकी जरूरत है।
बोडोलैंड टेरिटोरियल रीजन (बीटीआर) में बकसा जिले के तमुलपुर में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि असम के लोग हिंसा के खिलाफ हैं और वे विकास, शांति, एकता तथा स्थिरता के साथ हैं।
कांग्रेस पर राज्य में हिंसा को उकसाने का आरोप लगाते हुए मोदी ने कहा, ‘‘सालों के संघर्ष के बाद मुख्यधारा में लौटे लोगों के पुनर्वास की जिम्मेदारी हमारी है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘जिन्होंने अभी तक आत्मसमर्पण नहीं किया है, उनसे मैं अपील करता हूं कि राज्य के भविष्य के लिए तथा अपने खुद के भविष्य के लिए लौटें क्योंकि आत्मनिर्भर असम बनाने के लिए उनकी जरूरत है।’’
रैली में बड़ी संख्या में उपस्थित महिलाओं का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि बृहस्पतिवार को बीटीआर के कोकराझार में अपने पिछले दौरे में वह बड़ी संख्या में महिलाओं के हुजूम को देखकर हैरान थे और इस बारे में जब उन्होंने एक राजनीतिक जानकार से पूछा तो उन्हें बताया गया कि ‘‘माताएं अब आश्वस्त हैं कि उनके बच्चे हथियार नहीं उठाएंगे और दोबारा जंगल नहीं जाएंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं बीटीआर की सभी माताओं और बहनों को भरोसा दिलाता हूं कि आपके बच्चों के सपने पूरे होंगे और उन्हें हथियार उठाने की तथा जंगल जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।’’
मोदी ने कहा कि हर बच्चा अपनी मां के लिए खास होता है लेकिन जब वह बच्चा बंदूक उठा लेता है और जंगल की ओर निकल जाता है तो मां के आंसू नहीं थमते।
उन्होंने कहा कि राजग यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि ऐसा दोबारा नहीं हो।
मोदी ने कहा कि राजग सरकार बिना किसी भेदभाव के समाज के सभी वर्गों के लिए योजना बनाती है।
राज्य में लंबे समय तक रहे हिंसा के माहौल के लिए कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि समाज के टुकड़े करके और भेदभाव करके समाज के एक वर्ग के लिए कुछ दिया जाए तो उसे धर्मनिरपेक्षता कहा जाता है और जो सभी के लिए काम करते हैं, उन्हें सांप्रदायिक कहा जाता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘राजग सरकार ने ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ के मंत्र के साथ समाज के हर वर्ग को पूरी तरह सशक्त बनाने का प्रयास किया है। धर्मनिरपेक्षता और सांप्रदायिकता के इस खेल ने देश को बहुत नुकसान पहुंचाया है।’’
मोदी ने कहा कि केंद्र और असम में पिछले पांच साल में ‘दोहरे इंजन’ वाली राजग सरकारों के होने से राज्य के लिए दोहरे फायदे वाले परिणाम आये हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘जब हम किसी योजना के बारे में सोचते हैं तो हम बिना किसी भेदभाव के सभी के बारे में सोचते हैं। हम चाहते हैं कि योजनाओं के लाभ समाज के सभी वर्गों तक पहुंचें, भले ही वे वोट बैंक हों या नहीं, साक्षर हों या निरक्षर हों। हम यहां देश के लिए और लोगों के जीवन में बदलाव लाने के लिए काम कर रहे हैं।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि पहली बार देश के 100 जिलों के समग्र विकास पर विशेष ध्यान दिया गया है और इनमें से सात जिले असम में हैं।
उन्होंने कहा कि असम की जनता यह समझ चुकी है और ‘महाजोत का महाझूठ’ सामने आ गया है।
मोदी ने एआईयूडीएफ संस्थापक और सांसद बदरुद्दीन अजमल के बेटे अब्दुर रहीम द्वारा कांग्रेस की एक रैली में दिये गये बयान की ओर इशारा करते हुए भी निशाना साधा।
रहीम ने शुक्रवार को एक रैली में कहा था कि ‘दाढ़ी, टोपी और लुंगी वाले’ असम में अगली सरकार बनाएंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘इससे बड़ा असम के लिए कोई अपमान नहीं हो सकता। असम की जनता उन लोगों को बर्दाश्त नहीं करेगी जो असम के गौरव और पहचान का अपमान करते हैं और जनता उन्हें मतदान के जरिये मुंहतोड़ जवाब देगी।’’
उन्होंने कहा कि असम के लोगों ने दोबारा राजग की सरकार बनाने का फैसला कर लिया है।
उन्होंने कहा कि सरकार असम समझौते को पूरी तरह से लागू करने के लिए गंभीरता पूर्वक काम कर रही है, ज्यादातर समस्याओं को हल कर लिया गया है और बाकी का हल भी जल्द निकाला जाएगा।’’
मोदी ने कहा, ‘‘मैं अपने राजनीतिक अनुभव के आधार पर यह कह सकता हूं कि लोगों ने मतदान के संपन्न हो चुके दो चरणों में राजग के लिए प्यार, लगाव और उत्साह दिखाया है। वे विकास, स्थिरता, शांति, सद्भावना और एकता के साथ हैं।
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