कृषि कानूनों को निरस्त करने के सरकार के फैसले पर सोशल मीडिया पर मिश्रित प्रतिक्रिया

By भाषा | Updated: November 19, 2021 21:39 IST2021-11-19T21:39:07+5:302021-11-19T21:39:07+5:30

Mixed reaction on social media on government's decision to repeal agricultural laws | कृषि कानूनों को निरस्त करने के सरकार के फैसले पर सोशल मीडिया पर मिश्रित प्रतिक्रिया

कृषि कानूनों को निरस्त करने के सरकार के फैसले पर सोशल मीडिया पर मिश्रित प्रतिक्रिया

नयी दिल्ली,19 नवंबर विवादास्पद कृषि कानूनों को निरस्त करने के फैसले की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा के बाद शुक्रवार को सोशल मीडिया साइट ट्विटर पर प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई। एक वर्ग ने इसे किसानों की जीत बताया, जबकि अन्य ने इसे सुधारों के लिये झटका करार दिया।

केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन के करीब साल भर बाद प्रधानमंत्री ने इन कानूनों को निरस्त करने के अपने सरकार के फैसले की घोषणा की।

चाहे यह ‘मीम’, किसानों के खुशी मनाने के ताजा वीडियो हों या फिर प्रदर्शन स्थलों पर किसानों पर सुरक्षा बलों के लाठी चार्ज करने की तस्वीरें हों, ट्विटर पर लोगों ने किसानों के करीब साल भर के संघर्ष की हर अच्छी, बुरी व सवश्रेष्ठ चीजें साझा कीं।

रोहिणी सिंह ने ट्वीट किया, ‘‘किसानों ने जो शिक्षा हमें दी है उसके लिए आज न सिर्फ मोदी सरकार को बल्कि पूरे भारत को हमारे किसानों के आगे शीश झुकाना चाहिए। उन्होंने केंद्र सरकार को विनम्रता से एक अहम सबक सिखाया है। उन्होंने भारत को असहमति की शिक्षा दी है। यह उनकी जीत है। ’’

विजय कुमार टंडन ने ट्वीट किया, ‘‘प्रकाश पर्व के दिन आज क्या बड़ी खबर हमें मिली है। तीनों कानूनों को निरस्त कर दिया गया। 700 से अधिक किसान शहीद हुए। उनकी शहादत अमर रहेगी। आने वाली पीढ़ियां याद करेंगी कि देश के किसानों ने किस तरह कृषि और किसानों को बचाने के लिए अपना जीवन दांव पर लगा दिया था। मैं दिल से किसानों को सलाम करता हूं। ’’

प्रदर्शनकारी किसान संघों का नेतृत्व करने वाले संयुक्त किसान मोर्चा के मुताबिक इस आंदोलन के दौरान करीब 700 किसान शहीद हुए।

कुछ लोग प्रधानमंत्री मोदी के फैसले से खुश नजर आए, लेकिन वे सरकार की नीति में बदलाव के पीछे की वजह पर सवाल पूछने से नहीं हिचकिचाए। यहां तक कि उन्होंने केंद्र के इस फैसले के लिए अगले साल उत्तर प्रदेश और पंजाब में होने वाले विधानसभा चुनाव को वजह बताया।

मोहित मल्होत्रा ने ट्वीट किया, ‘‘ऐसा नहीं है कि मोदी को किसानों के प्रति दया आ गई हो। आगामी उत्तर प्रदेश और पंजाब चुनावों के मद्देनजर यह मोदी का सोच समझ कर उठाया गया और सधा हुआ कदम है।’’

डॉ दीपन ने ट्वीट किया, ‘‘सरकार को लगता है कि यह एक स्मार्ट कदम है, लेकिन क्या हम बेदिमाग मूर्ख लगते हैं? क्या उत्तर प्रदेश और पंजाब चुनाव से ठीक पहले लोग उन्हें भूल जाएंगे। लेकिन आपने जो पिछले एक साल में किसानों के साथ किया है उसे हम नहीं भूलेंगे।’’

मोनिका हलन ने ट्वीट किया ‘‘कृषि कानूनों को निरस्त करने का फैसला सुधारों को एक झटका है।’’

पार्थ जे शाह ने ट्वीट किया, ‘‘कृषि कानूनों को निरस्त करने के फैसले का दुखद पहलू यह है कि दो राज्यों के किसान शेष देश के किसानों की अनदेखी करने में सक्षम हैं। ’’

अंश चौरसिया ने ट्वीट किया, ‘‘कृषि कानूनों को निरस्त करने का फैसला सरकार और किसानों, दोनों के लिए नुकसानदेह है।

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Web Title: Mixed reaction on social media on government's decision to repeal agricultural laws

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