किसान आंदोलन स्थगित होने के संबंध में सिंघू के स्थानीय लोगों की मिलीजुली प्रतिक्रिया

By भाषा | Updated: December 9, 2021 19:24 IST2021-12-09T19:24:28+5:302021-12-09T19:24:28+5:30

Mixed reaction of local people of Singhu regarding suspension of farmers' movement | किसान आंदोलन स्थगित होने के संबंध में सिंघू के स्थानीय लोगों की मिलीजुली प्रतिक्रिया

किसान आंदोलन स्थगित होने के संबंध में सिंघू के स्थानीय लोगों की मिलीजुली प्रतिक्रिया

नयी दिल्ली, नौ दिसंबर किसान संघों की पिछले एक साल से भी ज्यादा समय से चल रहा आंदोलन स्थगित करने की घोषणा पर सिंघू बॉर्डर के आसपास के स्थानीय लोगों और व्यापारियों की मिलीजुली प्रतिक्रिया है। एक ओर जहां छोटे व्यापारियों, किराना दुकानदारों को अपने ग्राहक कम होने का डर है तो वहीं अन्य लोग उम्मीद कर रहे हैं कि अब यातायात की दिक्कत नहीं होगी।

हजारों की संख्या में किसान, खासतौर से पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के... केन्द्र के तीन कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की मांग को लेकर 26 नवंबर, 2020 से राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे थे।

हरियाणा के सोनीपत में रहने वाले विजय हुडा (28) ने बताया कि उनकी मां को सड़कें बंद होने के कारण बहुत परेशानी हुई थी, क्योंकि उन्हें और ज्यादा दूर तक यात्रा करनी पड़ती थी।

उन्होंने कहा, ‘‘मेरी मां हैदरपुर (दिल्ली) में काम करती है और रोजाना अपने काम के लिए 50 किलोमीटर की यात्रा करती है। सुबह उनके लिए जाना आसान होता है क्योंकि वह ट्रेन से जाती हैं। लेकिन दोपहर दो बजे कार्यालय से निकलने के बाद सोनीपत से वापसी के लिए कोई ट्रेन सेवा नहीं है। इसके कारण, उन्हें तीन घंटों में चार वाहन बदलने पड़ते थे और 50 किलोमीटर वापस आना पड़ता था। सार्वजनिक परिवहन का किराया भी दोगुना हो गया है।’’

संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने बृहस्पतिवार को अपनी घोषणा में कहा कि किसान 11 दिसंबर को घर लौट जाएंगे।

किसान नेताओं ने कहा कि सरकार ने उनकी मांगें पूरी की हैं या नहीं यह देखने के लिए उनकी बैठक 15 जनवरी को होगी।

सिंघू बॉर्डर पर प्रदर्शनस्थल पर चाय बेचने वाले रविन्द्र कुमार ने बताया कि किसानों के यहां एकत्र होने के बाद से उनका धंधा बढ़ गया था।

उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘यह राजमार्ग है और यहां ज्यादा लोग नहीं रुकते हैं। पहले मेरा काम सीमित था। मैं सर्विस लेन में छोटी सी चाय की दुकान चलाता हूं। किसानों के यहां आने के बाद मेरा काम बढ़ गया है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘लोग यहां आते हैं, चाय और अन्य चीजें खरीदते हैं। कभी-कभी हमें प्रदर्शनकारियों की ओर से खाना-पीना भी मिल जाता है।’’

सिंघू गांव के निवासी और स्नातक की पढ़ाई कर रहे संदीप राठी का कहना है कि स्थानीय लोगों को प्रदर्शन कर रहे किसानों से कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन वह चाहते हैं कि यातायात सामान्य हो जाए।

राठी ने कहा, ‘‘हमें किसानों से कोई दिक्कत नहीं है। लेकिन सड़कें बंद होना परेशानी का कारण है। ग्रामीण वैकल्पिक सड़कों का उपयोग कर रहे हैं, जिस कारण सर्विस रोड पर यातायात का भार बढ़ गया है। रिश्तेदार भी हमारे घर आने से बचने लगे हैं।’’

वाहनों के कलपुर्जों की दुकान चलाने वाले अमरदीप सिंह को उम्मीद है कि आंदोलन समाप्त होने के बाद उनका व्यापार अपना सामान्य स्थिति में पहुंच जाएगा।

सड़क किनारे सैलून की एक दुकान खोलने वाले सेवा सिंह का कहना है कि उनका पूरा धंधा आंदोलन कर रहे किसानों पर टिका है।

उन्होंने बताया, ‘‘मैंने यह सैलून करीब तीन महीने पहले शुरू किया था और मेरा धंधा प्रदर्शनकारियों पर निर्भर करता है। उनके जाने के बाद मुझे भी यहां से जाना होगा।

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Web Title: Mixed reaction of local people of Singhu regarding suspension of farmers' movement

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