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दक्षिण अफ्रीका में सियारों के मिश्रित नस्ल के पूर्वज के बारे में पता चला

By भाषा | Updated: June 20, 2021 16:49 IST

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(यूनिवर्सिटी ऑफ जरागोजा से के वेलेंशियानों, एमएनसीएन-सीएसआईसी से जॉर्ज मोरालेस रोमेरो और यूनिवर्सिटी ऑफ केपटाउन से रोमाला गोवेंडर)

मैड्रिड/केप टाउन, 20 जून (कन्वरसेशन) दक्षिण अफ्रीका में केप टाउन के बाहर 120 किमी दूर लंगेबानवेग में एक जीवाश्म समृद्ध स्थल पर किए गए हमारे शोध में सियारों के मिश्रित नस्ल के पूर्वज के बारे में पता चला है। शोध में हमने कैनिड (कुत्ते जैसी प्रजाति के जानवर) की एक नई प्रजाति का वर्णन किया है ,जिसका नाम यूसीन खोइखोई है। लैंगबैनवेग साइट पर मिले लगभग 5.2 मिलियन वर्ष पुराने जीवाश्मों के अध्ययन से इसके बारे में पता चला है।

यह शोध सियारों की उत्पत्ति के बारे में नवीन और महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करता है। यह दर्शाता है कि सियार कम से कम पिछले 5 मिलियन वर्षों में अफ्रीका में प्रकट हुए और बस गए। ये जानवर अपने आप में विकसित हुए हैं और इन्होंने बदलते परिवेश के अनुसार खुद को ढाला, जिससे इनका अस्तित्व बचा हुआ है।

नई प्रजाति का नाम खोईखोई (खोखोएन) लोगों की विरासत के सम्मान में रखा गया है। ये लोग दक्षिण अफ्रीका में बसे शुरुआती लोगों में शुमार थे। कैनिड परिवार में कुत्ते, सियार, गीदड़ और लोमड़ी सहित मांसाहारी पशु शामिल होते हैं । यह उत्तरी अमेरिका में 35 मिलियन से अधिक वर्ष पहले पाए गए थे और लगभग 7.5 मिलियन वर्ष पहले ही पृथ्वी के शेष भागों में फैल गए थे।

सियार सबसे उल्लेखनीय और डरपोक कैनिड में शुमार हैं। वे आकार और बनावट के मामले में लाल लोमड़ी और ऑस्ट्रेलियाई डिंगो से मिलते-जुलते दिखाई देते हैं। शरीर के दोनों ओर धारी वाले, दोनों लिंग के सियारों का औसत वजन वजन 7-12 किलोग्राम होता है और यह 40 सेमी लंबे होते हैं।

वे आम तौर पर खुले चरागाहों में अपनी मुर्दाखोर गतिविधियों के लिए जाने जाते हैं। सियार सर्वाहारी होते हैं (मांस और पौधे दोनों खाते हैं); वे मुर्दाखोरी और सक्रिय रूप से शिकार करते है। उन्हें निशाचर यानी उजाले और अंधेरे दोनों में तेज नजर वाला माना जाता है। ये शाम और सुबह में सबसे अधिक सक्रिय होते हैं। उनके शिकार में खरगोश जैसे छोटे जानवर शामिल है। वे पक्षी, अंडे, फल और बीज भी खाते हैं।

आज दुनिया भर में सियार की पांच प्रजातियां हैं - उनमें से चार अफ्रीका में हैं। इन अफ्रीकी प्रजातियों में शरीर के दोनों ओर धारियों वाले सियार, काले पिछले हिस्से वाले सियार, अफ्रीकन गोल्डन वुल्फ और इथियोपियन वुल्फ हैं। इन सभी को जीनस कैनिस (जिसमें भेड़िये और घरेलू कुत्ते भी शामिल हैं) में वर्गीकृत किया गया था, लेकिन हाल के डीएनए विश्लेषणों में उन्हें फिर से अलग-अलग प्रजातियों में वर्गीकृत किया गया है।

दूसरे शब्दों में, वे करीबी रिश्तेदार हैं। इनका संबंध शेरों और कौगरों के बीच भी होता है। वैज्ञानिक उनके विकासवादी मूल के बारे में बहुत कम जानते हैं। अब तक, यह माना जाता था कि 10 मिलियन से 5 मिलियन वर्ष पहले उत्तर अमेरिका में पाया जाने वाला कैनिड यूसीन डेविसी सभी भेड़ियों, गीदड़ों और कोयोट्स का सामान्य पूर्वज था।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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