लापता युवती ने अपनी इच्छा से शादी की, उसे बाल गृह से रिहा किया जाए : अदालत

By भाषा | Updated: January 1, 2021 17:50 IST2021-01-01T17:50:13+5:302021-01-01T17:50:13+5:30

Missing girl married to her will, to be released from childcare: court | लापता युवती ने अपनी इच्छा से शादी की, उसे बाल गृह से रिहा किया जाए : अदालत

लापता युवती ने अपनी इच्छा से शादी की, उसे बाल गृह से रिहा किया जाए : अदालत

(पांचवें पैरा में एक शब्द जोड़ते हुए रिपीट)

नयी दिल्ली, एक जनवरी दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक युवती को बाल गृह से रिहा करने का शुक्रवार को निर्देश जारी करते हुए कहा कि वह बालिग है और उसने अपनी इच्छा से शादी की थी।

दरअसल, युवती के पिता ने पुलिस के पास गुमशुदगी की एक शिकायत दर्ज कराई थी और इसमें उन्होंने दावा किया था कि वह नाबालिग है, जिसके बाद पुलिस ने युवती को बाल गृह में रखा था।

न्यायमूर्ति अनूप जयराम भंभानी और न्यायमूर्ति मनोज कुमार ओहरी की अवकाश पीठ ने यह भी कहा कि यदि युवती की इच्छा हो, तो उसे अपने पति के साथ भेज दिया जाए।

उल्लेखनीय है कि युवती के पति ने अदालत में एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर कर 18 वर्षीय अपनी पत्नी को रिहा करने का अनुरोध किया था।

बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका का उपयोग किसी ऐसे व्यक्ति की रिहाई के लिए किया जाता है जिसको बिना कानूनी औचित्य के अवैध रूप से हिरासत में लिया गया हो।

बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका का उपयोग किसी ऐसे व्यक्ति को अदालत में पेश करने का निर्देश जारी कराने के लिए किया जाता है, जो लापता हो या जिसे अवैध रूप से हिरासत में रखा गया हो।

वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से हुई सुनवाई के दौरान युवती को पीठ के समक्ष पेश किया गया। युवती ने न्यायाधीशों से कहा कि उसका जन्म जून 2002 में हुआ था, ना कि फरवरी 2004 में, जैसा कि उसके पिता ने दावा किया है।

युवती ने अदालत से कहा कि वह एक व्यक्ति के साथ चली गई थी और उसके साथ अपनी इच्छा के अनुसार 18 दिसंबर 2020 को शादी की थी।

पीठ ने युवती से सवाल-जवाब करने और मामले के जांच अधिकारी (आईओ) द्वारा सत्यापित दस्तावेजों पर गौर करने के बाद कहा, ‘‘यह नजर आता है कि 18 दिसंबर 2002 को लड़की बालिग थी। विवाह प्रमाणपत्र सत्यापित नहीं किया गया है। अदालत का मानना है कि चूंकि यह लड़की बालिग है, इसलिए उसे ‘उड़ान रोज चिल्ड्रेन होम फॉर गर्ल्स’ में अब और रखने की कोई वजह नहीं है।’’

उच्च न्यायालय ने युवती की इस दलील का भी जिक्र किया कि वह अपने 25 वर्षीय पति के साथ रहना चाहती है।

पीठ ने कहा , ‘‘इन परिस्थितियों में, याचिका का इस निर्देश के साथ निस्तारण किया जाता है कि लड़की को उड़ान रोज चिल्ड्रेन होम फॉर गर्ल्स, कमला नगर, से रिहा किया जाए और याचिकाकर्ता (उसके पति) के साथ भेज दिया जाए, बशर्ते कि वह उसके साथ जाने की इच्छुक हो। ’’

अदालत ने पुलिस को मौखिक रूप से कहा कि वह दंपती के जीवन को खतरा में न पड़ने दे।

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Web Title: Missing girl married to her will, to be released from childcare: court

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