कई बार पुलिस द्वारा मामला दर्ज नहीं करने के मामले सामने आते रहे हैं। हालांकि पुलिस की इस तरह की कार्यप्रणाली के कारण लोगों को बेहद दुख पहुंचता है। उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में ऐसा ही मामला सामने आया है। जहां पर एक महिला ने आत्महत्या कर ली।
मामले के अनुसार, शुक्रवार को एक महिला अपने बेटे के अपहरण की रिपोर्ट लिखवाने पुलिस स्टेशन गई थी, लेकिन उसकी रिपोर्ट नहीं लिखी गई। शनिवार को महिला फिर से अपने भाई के साथ रिपोर्ट दर्ज कराने गई। जहां पुलिस ने उसे सुबह से शाम तक स्टेशन में बैठाकर रखा और रिपोर्ट लिखने की जगह पुलिस ने महिला के भाई को ही लॉकअप में डाल दिया। पुलिस की कार्रवाई से परेशान होकर महिला ने वापस घर जाकर आत्महत्या कर ली। सुसाइड करने से पहले महिला ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर लाइव आकर अपना दर्द बयां किया था। महिला का फेसबुक लाइव था और उसने गले में फंदा डालकर आत्महत्या कर ली।
यह मामला उत्तर प्रदेश के बांदा जिले के चिल्ला रोड बाईपास का हैं। यहां रहने वाली सुधा चंद्रवंशी रैकवार के बेटे का शुक्रवार को कुछ लोगों ने अपहरण कर लिया था। जिसके बाद महिला अपने भाई के साथ अपहरणकर्ताओं के खिलाफ़ मुकदमा लिखाने थाने गई थी। वहीं पुलिस ने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की और महिला के भाई को ही लॉकअप में डाल दिया। यह सब देखकर महिला ने वापस अपने घर आ कर आत्महत्या कर ली। पुलिस प्रशासन पर आरोप है कि उसने यह सब आरोपी पक्ष के कहने पर किया था।
थाने से लौटकर घर आने के बाद महिला ने करीब 5 बजे शाम को फेसबुक लाइव किया और फेसबुक लाइव के दौरान ही आत्महत्या कर ली। सुधा चंद्रवंशी रैकवार के बेटे दीपक का अपहरण शुक्रवार को हुआ था। दीपक अब तक लापता है।
वहीं पुलिस पर सवाल उठने पर थाना कोतवाली क्षेत्र के सीओ ने कहा है कि इस मामले की गहराई से जांच की जाएगी और दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी। बताया जा रहा है कि आरोपी पक्ष और सुधा चंद्रवंशी रैकवार के बीच पैसों को लेकर विवाद था।